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जर्मन चांसलर से मिले PM मोदी, कहा- यूक्रेन में किसी भी शांति प्रक्रिया में योगदान देने के लिए भारत तैयार

German Chancellor Olaf Scholz: जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज से मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, यूक्रेन संघर्ष का समाधान निकालने के लिए भारत किसी भी शांति प्रक्रिया में योगदान देने के लिए तैयार है.

German Chancellor Olaf Scholz: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज ने शनिवार को स्वच्छ ऊर्जा, कारोबार, रक्षा और नयी प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ करने पर चर्चा की. पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन संघर्ष का समाधान संवाद और कूटनीति से निकालने की पर बल देते हुए कहा कि भारत किसी भी शांति प्रक्रिया में योगदान देने के लिए तैयार है.

बैठक में इन मुद्दों पर भी हुई चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यूक्रेन में घटनाक्रम शुरू होने के समय से ही भारत ने संवाद और कूटनीति के माध्यम से इस विवाद को सुलझाने पर जोर दिया है. भारत किसी भी शांति प्रक्रिया में योगदान देने के लिए तैयार है. बैठक में दोनों पक्षों के बीच, रूस-यूक्रेन संघर्ष, डिजिटल परिवर्तन, फिनटेक, सूचना प्रौद्योगिकी, दूरसंचार और आपूर्ति श्रृंखला के विविधिकरण, स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्रों में विचारों का आदान-प्रदान हुआ. ओलाफ शोल्ज के साथ बैठक के बाद संयुक्त प्रेस बयान में पीएम मोदी ने कहा, कोविड संकट और यूक्रेन संघर्ष के प्रभाव पूरे विश्व पर पड़े हैं. विकासशील देशों पर इसका विशेष रूप से नकारात्मक प्रभाव रहा है. हमने इस बारे मे अपनी साझा चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि हम इस बात से सहमत हैं कि इन समस्याओं का समाधान संयुक्त प्रयासों से ही संभव है और जी20 की अध्यक्षता करने के दौरान भी भारत इस दिशा में प्रयास कर रहा है.

यूक्रेन में युद्ध के कारण भारी नुकसान हुआ: शोल्ज

वहीं, जर्मनी के चांसलर ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि एशिया, अफ्रीका, अमेरिका के देशों पर आक्रामक युद्ध का नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़े. उन्होंने कहा कि यूक्रेन में युद्ध के कारण भारी नुकसान हुआ, बुनियादी ढांचे और ऊर्जा ग्रिड नष्ट हो गए. यह एक आपदा है। रूसी आक्रमण के परिणामों से दुनिया प्रभावित हो रही है. शोल्ज ने कहा कि युद्ध मूलभूत सिद्धांतों का उल्लंघन करता है जिससे हम सभी सहमत हैं, आप हिंसा के माध्यम से देशों की सीमाओं को नहीं बदल सकते. जर्मनी के चांसलर दो दिवसीय यात्रा पर शनिवार को भारत पहुंचे. इस शीर्ष पद पर एंजेला मर्केल के 16 साल के ऐतिहासिक कार्यकाल के बाद दिसंबर, 2021 में जर्मनी का चांसलर बनने के बाद शोल्ज की यह पहली भारत यात्रा है.

बड़े महत्वपूर्ण समझौते भी हुए

इस बीच, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चांसलर शोल्ज के साथ आज आए कारोबारी शिष्टमंडल और भारतीय उद्योगपतियों के बीच एक सफल बैठक हुई, और कुछ अच्छे समझौते, बड़े महत्वपूर्ण समझौते भी हुए. उन्होंने कहा कि डिजिटल परिवर्तन, फिनटेक, सूचना प्रौद्योगिकी, दूरसंचार और आपूर्ति श्रृंखला के विविधिकरण जैसे विषयों पर दोनों देशों के प्रमुख उद्योगपतियों के उपयोगी विचार और सुझाव भी मिले. मोदी ने कहा कि आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और जर्मनी के बीच सक्रिय सहयोग है. उन्होंने कहा कि दोनों देश इस बात पर भी सहमत हैं कि सीमापार आतंकवाद को समाप्त करने के लिए ठोस कार्रवाई आवश्यक है. प्रधानमंत्री ने कहा, हमने इस बात पर भी सहमति दोहराई कि वैश्विक वास्तविकताओं को बेहतर तरीके से दर्शाने के लिए बहु पक्षीय संस्थाओं में सुधार आवश्यक है. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार लाने के लिए जी-4 के अंतर्गत हमारी सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट है.

भारत-जर्मनी के बीच सांस्कृतिक एवं आर्थिक आदान-प्रदान का रहा है लंबा इतिहास

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान की वजह से भारत में सभी क्षेत्रों में नए अवसर खुल रहे हैं और इन अवसरों के प्रति जर्मनी की रुचि से हम उत्साहित हैं. उन्होंने कहा, भारत और जर्मनी त्रिकोणीय विकास सहयोग के तहत तीसरे देशों के विकास के लिए आपसी सहयोग बढ़ा रहे हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि सुरक्षा और रक्षा सहयोग हमारे सामरिक गठजोड़ का एक महत्वपूर्ण स्तम्भ बन सकता है और इस क्षेत्र में जहां क्षमताओं का उपयोग नहीं हुआ है, उसे पूरी तरह से हासिल करने के लिए हम साथ मिलकर प्रयास करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि विश्व की दो बड़ी लोकतांत्रिक अर्थव्यवस्थाओं के बीच बढ़ता सहयोग, दोनों देशों की जनता के लिए लाभकारी है. साथ ही आज के तनाव-ग्रस्त विश्व में इससे एक सकारात्मक संदेश भी जाता है. उन्होंने कहा कि भारत और जर्मनी के मजबूत संबंध, साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और एक-दूसरे के हितों की गहरी समझ पर आधारित हैं तथा दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक एवं आर्थिक आदान-प्रदान का भी लंबा इतिहास रहा है.

शोल्ज ने राष्ट्रपति भवन में सलामी गारद का निरीक्षण किया

इससे पहले, भारत पहुंचने पर जर्मनी के चांसलर शोल्ज ने राष्ट्रपति भवन में सलामी गारद का निरीक्षण किया. यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका स्वागत किया. रविवार सुबह चांसलर शोल्ज बेंगलुरु के लिए रवाना होंगे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने अपने ट्वीट में कहा कि चांसलर शोल्ज की यात्रा बहुआयामी भारत-जर्मन सामरिक गठजोड़ को और गहरा बनाने का अवसर प्रदान करेगी. बागची ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज का हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय वार्ता के लिए स्वागत किया. इसमें द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने, हरित एवं टिकाऊ विकास गठजोड़ और आर्थिक गठजोड़ को प्रगाढ़ करने तथा रक्षा क्षेत्र में करीबी संबंध बनाने पर जोर दिया गया. (इनपुट:भाषा)

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