20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Jharkhand Village Story: झारखंड का एक गांव, जहां शादी करने से लोग करते हैं परहेज, वजह जान चौंक जाएंगे आप

ग्रामीणों ने कहा कि कई गर्भवती महिलाओं ने सही समय पर अस्पताल नहीं पहुंचने के कारण रास्ते में ही दम तोड़ दिया. अब शादी-विवाह में भी परेशानी होने लगी है. जल्दी कोई इस बस्ती नहीं आना चाहता. वे रिश्तेदारी करने से भी परहेज करने लगे हैं. ये विकास से कोसों दूर है.

केदला (रामगढ़), वकील चौहान. रामगढ़ जिले के मांडू प्रखंड अंतर्गत उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र झुमरा पहाड़ की तलहटी में बसी एक बस्ती विकास की दुनिया से कोसों दूर है. इस बस्ती में करीब एक सौ से अधिक घर हैं. बस्ती की छह सौ के करीब आबादी बतायी जा रही है. दस वर्षों से बस्ती की सड़क जर्जर है. बस्ती में जाने के लिये दो मार्ग हैं. एक तरफ से पांच किलोमीटर जर्जर सड़क से रास्ता तय करना पड़ता है, वहीं दूसरी ओर तापीन से सात किलोमीटर जर्जर सड़क से जान हथेली पर रखकर पहुंचना पड़ता है. सड़क इस कदर जर्जर है कि लोग हादसे का शिकार हो जा रहे हैं. इतना ही नहीं, इस बस्ती में शादी-विवाह से भी लोग परहेज करने लगे हैं.

मरीजों को होती है काफी परेशानी

इस बस्ती की सड़क पर बड़े-बड़े पत्थर निकल आये हैं. मार्ग की हालत बद से बदतर हो गयी है. इस मार्ग से बड़े वाहनों का आना-जाना बंद हो गया है. बस्ती के लोग मोटरसाइकिल व पैदल चलकर मुख्य मार्ग पहुंचते हैं. इसके बाद ही सवारी गाड़ी से रामगढ़ व हजारीबाग का सफर करते हैं. ये है रौता बस्ती. यहां के लोग बेहद परेशान हैं. बस्ती की अनीता देवी, सुजाता देवी, पासो देवी, सुमती देवी, रेशमी देवी, उमेश महतो, सुरेंद्र महतो, जीतलाल महतो, हेमलाल महतो, अमन महतो, चुरामण महतो, महावीर महतो, पप्पू महतो, गिरधारी महतो, विरेंद्र सहित अन्य ने बताया कि बस्ती तक विकास का पहिया नहीं पहुंच पाया है. सड़क की बदहाली के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. यहां के बच्चों को परेज व तापीन जाने के लिये लंबी दूरी तय करनी पड़ती है. डॉक्टर भी यहां आने से परहेज करते हैं. मरीजों को चारपाई (खटिया) पर रखकर चार लोगों की मदद से परेज व तापीन मार्ग से ले जाया जाता है. इसके बाद ही मरीज एम्बुलेंस पर सवार होकर अस्पताल पहुंच पाते हैं.

Also Read: झारखंड का एक गांव था ऐसा, जिसका नाम बताने में आती थी शर्म, अब गर्व से बताते हैं अपने गांव का ये नाम

विधायक व सांसद ने भी नहीं ली सुध

ग्रामीणों ने कहा कि कई गर्भवती महिलाओं ने सही समय पर अस्पताल नहीं पहुंचने के कारण रास्ते में ही दम तोड़ दिया. अब शादी-विवाह में भी परेशानी होने लगी है. जल्दी कोई रौता बस्ती नहीं आना चाहता. वे रिश्तेदारी करने से भी परहेज करने लगे हैं. बस्ती में एक मात्र उत्क्रमित मध्य विद्यालय है. इस विद्यालय में कक्षा एक से आठ तक के बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. स्कूल में दो टीचर हैं. लोग कुआं का पानी पीते हैं. बस्ती के बाहर चापाकल है. सभी गांव की तरह इस बस्ती में नल जल की सुविधा नहीं है. रौता के ग्रामीणों ने कहा कि बस्ती के लोगों ने सड़क की बदहाली को लेकर मांडू विधायक जयप्रकाश भाई पटेल व सांसद जयंत कुमार सिन्हा से भी मुलाकात की, लेकिन दोनों में से किसी ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया. इसे लेकर लोगों में आक्रोश है. वे कहते हैं कि चुनाव के वक्त वादा करते हैं, लेकिन बाद में वे भूल जाते हैं.

Also Read: झारखंड में 3 लोगों को फांसी, नाबालिग की दुष्कर्म के बाद बेरहमी से हत्या केस में अदालत ने सुनाया फैसला

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें