दीपक राव, भागलपुर
भागलपुर के किसानों के लिए खुशखबरी है कि केंद्र सरकार की ओर से पांच कृषक उत्पादक संगठन को एक्सपोर्ट लाइसेंस मिला है. इससे एक ओर जहां यहां के प्रोडक्ट को सीधे निर्यात किया जा सकेगा और अब उनको ग्लोबल मार्केट मिलेगा. इससे किसानों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी.
आत्मा के उप परियोजना निदेशक प्रभात कुमार सिंह ने बताया कि गवर्नमेंट ऑफ इंडिया मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स से पांच कृषक उत्पादक संगठन को एक्सपोर्ट लाइसेंस मिल चुका है. पहली बार यहां के किसान उत्पादक संगठन को यह लाइसेंस मिला. इससे पहले एपिडा के माध्यम से देश के विभिन्न हिस्सों के एक्सपोर्टर का सहारा लेना पड़ता था और उनकी राह को ताकना पड़ता था. बताया कि किसानों की ओर से किसी भी प्रकार के उत्पाद का निर्यात किया जा सकता है और यहां से व्यापार कर सकते हैं.
-ट्रांसपेरेंट एग्रो फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, गोराडीह
-एग्रो प्वाइंट एग्रो फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटैड, पीरपैंती
-ब्रसनिक एग्रो फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, बिहपुर
-अंग प्रदेश उत्थान एग्रो फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड
-सरस बसुधा एग्रो फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, गोपालपुर
भागलपुर का कतरनी चावल-चूड़ा और जर्दालू आम को जीआई टैग ( ज्योग्राफिकल इंडिकेशन टैग) मिला है. कतरनी चावल, चूड़ा और जर्दालू आम भागलपुर की पहचान है. इसकी डिमांड देश व विदेश में काफी है. किसानों के बीच इसके उत्पादन को बढ़ावा मिल रहा है. केवल मार्केट मिलने की जरूरत थी, जो कि एक्सपोर्ट लाइसेंस मिलने के बाद अब मिलने लगेगा. इसके अलावा भागलपुर में स्ट्राबेरी, मशरूम, ड्रैगन फ्रूट, सेब, जुकुनी, विदेशी पपीता आदि की खेती बढ़ने लगी है. ग्लोबल मार्केट मिलने पर यहां के उत्पादों का निर्यात होगा तो किसानों को मुंहमांगा लाभ मिलेगा.
उद्यान विभाग के सहायक निदेशक विकास कुमार ने बताया कि इससे पहले ही ऑनलाइन मार्केट में भागलपुर प्रोडक्ट की बिक्री पहले ही शुरू हो गयी है. कृषि विभाग लगातार प्रदेश स्तर पर किसानों के उत्पादों को प्रदर्शनी में भेजा जा रहा है. इसके अलावा यहां के प्रगतिशील किसानों को समय-समय देश अलग-अलग हिस्सों में तकनीकी खेती का प्रशिक्षण दिलया जा रहा है.
इससे पहले केंद्र सरकार की एजेंसी एपिडा के सहयोग से जिले के सुल्तानगंज स्थित आभा रतनपुर में प्रदेश का दूसरा पैक हाउस खोलने की तैयारी शुरू हो गयी है. यह आम उत्पादक किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है. आम उत्पादक किसान कृष्णानंद सिंह ने बताया कि अब तक जर्दालू आम को जीआइ टैग मिल गया, लेकिन पैक हाउस के अभाव में लखनऊ व कोलकाता आम को भेजना पड़ता है. यहां से विदेशों में जर्दालू समेत अन्य आम का निर्यात हो पाता है. इससे किसानों को कई प्रकार की परेशानी होती है, जो कि किसानों से संभव नहीं है. यहां के पैक हाउस में वाशिंग, ड्रायर, शॉर्टिंग, ग्रेडिंग की व्यवस्था होगी. इसके बाद पैंकिंग व कुलिंग की सुविधा दी जायेगी, ताकि इसे निर्यात करने में सुविधा हो सके.