चिरकुंडा, प्रवीण चौधरी. नगर परिषद बोर्ड से स्वीकृत 11 योजनाएं एग्यारकुंड अंचल कार्यालय द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) नहीं दिये जाने से सरजमीं पर नहीं उतर रही हैं, जबकि नगर परिषद प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर चुका है. कई आवेदन महीनों से लंबित पड़े हैं. 11 योजनाओं में कुछ ऐसी हैं, जिसके लिए 8-10 माह पूर्व ही अंचल कार्यालय को इओ द्वारा पत्र भेजा गया था. बस स्टैंड के लिए जून 2022 व एसएलएफ निर्माण के लिए अप्रैल 2022 में आवेदन भेजे गये थे. स्वीकृति मिलने में देरी होने से प्राक्कलन राशि का बढ़ना तय है. अभी सभी योजनाओं को मिला कर कम से कम 50 करोड़ की लागत राशि होगी.
चिरकुंडा शहरी जलापूर्ति योजना फेज टू, झिलिया नदी का चौड़ीकरण व गहरीकरण, बालू बंकर पुल का निर्माण, स्टेडियम का निर्माण, वार्ड संख्या 17 में अवस्थित मोहुलडंगाल तालाब का सौंदर्यीकरण, वार्ड नौ स्थित तेतुल तालाब का सौंदर्यीकरण, वार्ड 11 में एसएचएमएस कॉलेज के समीप का संरक्षण, वार्ड 11 स्थित एसएचएमएस कॉलेज के समीप लाइब्रेरी का निर्माण, प्रधानमंत्री आवास योजना घटक तीन, बस स्टैंड का निर्माण व ठोस अपशिष्ट प्रबंधन योजना के तहत एसएलएफ का निर्माण. इनमें से लगभग 5 करोड़ 80 लाख रुपए की लागत से बनने वाली चिरकुंडा जलापूर्ति योजना फेज टू की निविदा भी हो चुकी है.
नगर परिषद उपाध्यक्ष जयप्रकाश सिंह ने उपायुक्त संदीप सिंह को पत्र लिखकर एग्यारकुंड अंचल अधिकारी को इस बाबत निर्देश देने का आग्रह किया है. साथ ही, सिटी मैनेजर मुकेश निरंजन के साथ अपर समाहर्ता नंदकिशोर गुप्ता से मिलकर सारी बातों से अवगत कराया है. उन्होंने कहा कि एनओसी नहीं मिलने से विकास कार्य ठप पड़ा है. आश्चर्य की बात है कि हल्का कर्मचारी का हल्का कार्यालय भी नगर परिषद कैंपस में ही है. बावजूद जमीन का सत्यापन नहीं हो पा रहा है.