बिहार में अगले वित्तीय वर्ष (2023-24) में विभिन्न विभागों में करीब चार लाख नौकरियां मिलेंगी. नौकरी के अलावा रोजगार, स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी, खेती-किसानी को उन्नत करने, सड़क, बिजली और पानी की मुकम्मल व्यवस्था करने का वादा राज्य सरकार ने मंगलवार को बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में किया. वित्तमंत्री चौधरी ने बताया कि हमारी प्राथमिकता में नौजवानों के लिए नौकरी देने का मसला सर्वोच्च प्राथमिकता में शुमार है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नौकरी और रोजगार की व्यवस्था करने संबंधी वादे की पृष्ठभूमि में उन्होंने बताया कि 63900 नौकरियों के लिए अधियाचना बिहार लोक सेवा आयोग, बिहार कर्मचारी चयन आयोग और बिहार तकनीकी सेवा आयोग को भेजी जा चुकी है. वहीं कुछ प्रक्रियागत है, तो कुछ की रिक्तियां शीघ घोषित होंगी.
पुलिसकर्मियों के कुल 755543 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गयी है. शिक्षकों की नियुक्ति के 48762, शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक के 5886, प्रधान शिक्षक के 40506, राज्य के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों के छठे चरण के लिए 30000, सातवें चरण के लिए माध्यमिक के लिए 44193 और उच्च माध्यमिक शिक्षकों के लिए 89734 पदों पर नियुक्ति की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है. जबकि कंप्यूटर शिक्षक के लिए 7509 पद सृजित किये गये हैं. लगभग 10550 एएनएम की नियुक्ति की प्रक्रिया की कार्रवाई की जा रही है. युवा एवं रोजगार, महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य, अल्पसंख्यक कल्याण,कृषि एवं ग्रामीण विकास और औद्योगिक विकास सरकार की प्राथमिकता में है. बिहार की विकास दर, देश की विकास दर से अधिक है.
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वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2023-24 का बजट आकार 2.61 लाख करोड़ है. इसमें स्कीम मद के लिए एक लाख करोड़ और स्थापना व प्रतिबद्ध मद के लिए 1.61 लाख करोड़ है. स्कीम मद से अधिक 61 हजार करोड़ अधिक का आवंटन प्रतिबद्ध मद के लिए किया गया है. सरकार ने शिक्षा विभाग के 40450 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जो पिछले साल की तुलना में 1200 करोड़ अधिक है. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग का बजट कुल बजट में सबसे अधिक है. यह कुल बजट का 15.45% है