बिहार सरकार के द्वारा राज्य के विकास के लिए कई सफल योजनाओं का संचालन किया जा रहा है. राज्य की पांच योजनाओं को राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार किया गया है. राज्य सरकार ने हर घर नल योजना सितंबर 2016 में शुरू किया. इसे राष्ट्रीय स्तर पर जल जीवन मिशन (अगस्त 2019) को पूरे देश में लागू किया गया. इसी प्रकार से जीविका (अक्तूबर 2007) की तर्ज पर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (2011) में तथा दीन दयाल अंत्योदय योजना (राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (नवंबर 2015) में आरंभ किया गया. मुख्यमंत्री बिजली संबंधन के तहत हर घर बिजली योजना (नवंबर 2016 में) के अनुरूप सौभाग्य प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सितंबर 2017) में और जल जीवन हरियाली (अक्तूबर 2019 ) के तहत तालाबों के पुनरुद्धार और सौंदर्यीकरण की तर्ज पर अमृत सरोवर योजना (अप्रैल 2022) में केंद्र सरकार द्वारा लागू किया गया.
बिहार में शिक्षा पर अब खर्च होंगे 1259 करोड़ ज्यादा
शिक्षा बजट में इस साल 1259 करोड़ की बढ़ोतरी हुई है. पिछले वित्तीय वर्ष में शिक्षा का बजटीय प्रावधान 39191.87 करोड़ था, जिसमें योजना मद में 22198.38 करोड़ रुपये और स्थापना मद में 16993.49 करोड़ रुपये का प्रावधान था. इस तरह स्पष्ट है कि शिक्षकों के वेतन, पेंशन आदि पर खर्च में लगातार बढ़ाेतरी हो रही है. बजट भाषण के मुताबिक नये वित्तीय वर्ष में राज्य में 2.29 लाख से अधिक शिक्षकों व प्रधान शिक्षकों की नियुक्ति होगी. इनमें कुछ पदों पर नियुक्ति प्रक्रियाधीन है. सातवें चरण में माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों की 44,193 और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के लिए 89,734 शिक्षकों की नियुक्तियां की जानी हैं. राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों में 48,762 पदों पर नियुक्ति प्रक्रियाधीन बतायी गयी है. इसके अलावा राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में 40,506 प्रधान शिक्षक नियुक्त किये जाने हैं. वहीं, राज्य के मध्य विद्यालयों में 58868 शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशकों की नियुक्तियां की जानी है.