Lathmar Holi 2023: बरसाना में 28 फरवरी को लट्ठमार होली के बाद एक मार्च को नंदगांव में लट्ठमार होली का आयोजन होगा. देश-विदेश के हजारों श्रद्धालु अद्वितीय लीला के साक्षी बनेंगे. रंगीली गली और लठामार होली चौक में लट्ठमार होली का आयोजन होगा. नंदगांव की हुरियारिनें भी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुट गई हैं. हुरियारिनें सोलह शृंगार से सुसज्जित हो रंगीली गली पहुंचेंगी. नंदभवन में बरसाना से आने वाले हुरियारों के स्वागत की तैयारियां जोरों पर है.
बरसाना और नंदगांव की लट्ठमार होली में समानता नजर आती है. वैसे ही हुरियारे-हुरियारिन की वेषभूषा और ढाल. बावजूद इसके नंदगांव की होली का अलग ही भाव है. समाज गायन के दौरान रसिकजन इन भावों को प्रदर्शित करते हैं. पद गायन के अनुसार भगवान श्री कृष्ण ग्वालों के साथ बरसाना से राधारानी और सखियों के साथ होली खेल कर बिना नेग (होली का उपहार) दिए नंदगांव लौट आए. इस पर बरसाना की ग्वालिनें नंदबाबा के पास फगुवा मांगने पहुंचीं. गोपी फगुवा मांगन आइ, कियौ जुहार, नंद जू कौं भीतर भवन बुलाई. इस दौरान नंदभवन में नृत्य-गायन होता है. मेवा और मिठाइयों से स्वागत किया जाता है और केसर, अरगजा, अबीर गुलाल आदि से होली होती है.
केसर के रंग से भरे मिट्टी के घड़ों को एक-दूसरे पर डाल दोहरे अर्थ वाली शब्दावली का प्रयोग कर हंसी ठिठोली की जाती है. प्रेम पगी गालियां दी जाती हैं. इसके बाद फगुवा दिया जाता है. इसी परंपरा के निर्वहन के लिए बरसाना की लट्ठमार से अगले दिन ग्वालवाल सखी वेष में होली खेलने नंदगांव आते हैं. सखी भाव का प्रदर्शन करने के लिए हुरियारे चुन्नी बांध कर आते हैं. होली के बाद चरण स्पर्श कर क्षमा प्रार्थना की जाती है. नंदगांव में होली खुले चौक में होती है, जो कि श्रद्धालुओं के लिए देखना सुलभ होता है. भीड़ भी कम होने से इसे आसानी से देखा जा सकता है.