12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

World Book Fair 2023 में पीयूष मिश्रा के आत्मकथात्मक उपन्यास पर हुई बातचीत, ‘किंगमेकर्स’ का लोकार्पण हुआ

World Book Fair 2023: विश्व पुस्तक मेला में आज राजकमल प्रकाशन के 'जलसाघर' में आज पीयूष मिश्रा के आत्मकथात्मक उपन्यास 'तुम्हारी औकात क्या है पीयूष मिश्रा' पर सायमा ने उनसे बातचीत की.

World Book Fair 2023: विश्व पुस्तक मेला में आज राजकमल प्रकाशन के ‘जलसाघर’ में कई पुस्तकों पर बातचीत हुई और नई पुस्तकों का लोकार्पण हुआ. जलसाघर में आज पीयूष मिश्रा के आत्मकथात्मक उपन्यास ‘तुम्हारी औकात क्या है पीयूष मिश्रा’ पर सायमा ने उनसे बातचीत की.वहीं त्रिलोकनाथ पांडेय की नई पुस्तक ‘महाब्राह्मण’, राहुल हेमराज की ‘आप जैसा कोई नहीं’, सुजाता की ‘पंडिता रमाबाई’ और राजगोपाल सिंह वर्मा की ‘किंगमेकर्स’ का लोकार्पण हुआ.

इन 11 पुस्तकों का लोकार्पण हुआ

आज के कार्यक्रम की शुरुआत अनघ शर्मा की किताब ‘आवाज़ें काँपती रहीं’ पर परिचर्चा के साथ हुई. इस सत्र में धर्मेंद्र सुशांत ने उनसे किताब और लेखन पर बातचीत की.इस दौरान अनघ शर्मा ने कहा कि ‘एक लेखक के लिए क्या लिखना है यह जानने से ज्यादा जरूरी यह समझना होता है कि क्या नहीं लिखना है.’ इसके बाद बद्रीनारायण द्वारा संपादित ‘विचार का आईना’ शृंखला की 11 पुस्तकों का लोकार्पण हुआ.’विचार का आईना’ शृंखला में 11 ऐसे साहित्यकारों, चिंतकों और राजनेताओं के ‘कला साहित्य संस्कृति’ केंद्रित चिंतन को प्रस्तुत किया गया है़ जिन्होंने भारतीय जनमानस को गहराई से प्रभावित किया.इसमें महात्मा गांधी, पंडित नेहरू, रवीन्द्र नाथ ठाकुर, अज्ञेय, निराला, मुक्तिबोध, प्रेमचंद, महादेवी वर्मा, रामचंद्र शुक्ल, राममनोहर लोहिया आदि शामिल हैं.

यह शृंखला लोकभारती प्रकाशन से प्रकाशित हुई हैं.कार्यक्रम के अगले सत्र में अब्दुल बिस्मिल्लाह से वीरेन्द्र यादव ने बातचीत की. देहाती एवं पिछड़े मुस्लिमों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि ‘पहले वे आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से हाशिये पर थे और आज वे राजनीतिक दृष्टि से हाशिये पर हैं.’

शोध करने की जिज्ञासा हुई

इसके बाद त्रिलोकनाथ पांडेय की नई किताब ‘महाब्राह्मण’ का लोकार्पण हुआ.इस दौरान मनोज कुमार पाण्डेय ने लेखक से किताब पर बातचीत की.लेखक ने इस किताब को लिखने पर अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि जब मुझे पता चला कि ब्राह्मणों में भी 400 उपजातियाँ हैं, तो इसपर शोध करने की जिज्ञासा हुई.यह उपन्यास उसी का परिणाम है.यह जाति-सरंचना के इस पक्ष को इतने अच्छे ढंग न सिर्फ चित्रित करती है़ बल्कि विश्लेषण भी करती है़.

अगले सत्र में राहुल हेमराज की किताब ‘आप जैसा कोई नहीं’ का लोकार्पण हुआ.इस मौके पर राहुल हेमराज नर कहा कि ‘हर कोई व्यक्ति किसी न किसी पशोपेश में है़.यह किताब ऐसे लोगों को बताएगी कि उस पशोपेश वाली जिंदगी में भी कैसे खुश रह सकते हैं.’

रूपम मिश्र ने अपनी किताब से कविता पाठ किया

इसके बाद रूपम मिश्र के कविता संग्रह ‘एक जीवन अलग से’ पर आशीष मिश्र ने उनसे बातचीत की.इस दौरान रूपम मिश्र ने अपनी किताब से कविता पाठ भी किया.अगले सत्र चर्चित लेखक नवीन चौधरी की किताब ‘ढाई चाल’ पर मनोज कुमार पांडेय ने उनसे बातचीत कीअगले सत्र चर्चित लेखक नवीन चौधरी के उपन्यास ‘ढाई चाल’ पर मनोज कुमार पांडेय ने उनसे बातचीत की.

‘विकल विद्रोहिणी : पंडिता रमाबाई’ का लोकार्पण हुआ

नवीन चौधरी का यह उपन्यास इस समय की राजनीति की रोमांचक कथा है.इसमें वर्तमान समय की थ्रिलर राजनीति में सस्पेंस और साजिश आखिरी पन्ने तक पाठक को बांधे रखती है.अगले सत्र में सुजाता की नई किताब ‘विकल विद्रोहिणी : पंडिता रमाबाई’ का लोकार्पण हुआ. इस सत्र में ताजवर बानो ने सुजाता से पंडिता रमाबाई के जीवन पर बातचीत की. इस दौरान सविता सिंह भी उपस्थित रहीं.सुजाता द्वारा लिखित पंडिता रमाबाई की यह जीवनी हिंदी लोकवृत्त में दशकों से उपस्थित खालीपन को ही नहीं भरती बल्कि गहन शोध से एकत्र विपुल सूचनाओं और सामग्रियों के सहारे भारतीय पुनर्जागरण के एक स्त्रीवादी पाठ की राह खोलते हुए वर्तमान के लिए रमाबाई की प्रासंगिकता को भी रेखांकित करती है.

किताब में सारे सवालों के जवाब है

अगले सत्र में पीयूष मिश्रा के आत्मकथात्मक उपन्यास ‘तुम्हारी औकात क्या है पीयूष मिश्रा’ पर सायमा ने उनसे बातचीत की.इस दौरान पीयूष मिश्रा ने कहा कि ‘इस किताब में मेरे बारे में सारे सवालों के जवाब है.’ किताब लिखने की जरूरत क्यों पड़ी इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा ‘मैं अंदर से बहुत भर गया था और उसे बाहर निकालना चाहता था तो सारी चीजें किताब में उतार ली और अब मैं हल्का महसूस कर रहा हूँ.’ उन्होंने कहा कि अगर जिंदा रहते हुए अपनी आत्मकथा प्रकाशित हो तो कम से कम लोग आप से सवाल तो कर सकते हैं और आप उनके जवाब दे सकते हो.सत्र समाप्ति से पहले उन्होंने श्रोताओं के सवालों के जवाब दिए.

इसके बाद राजगोपाल सिंह वर्मा की किताब ‘किंगमेकर्स’ का लोकार्पण हुआ.इस सत्र में अनिल माहेश्वरी ने लेखक से बातचीत की.राजगोपाल सिंह वर्मा ने किताब के बारे में बात करते हुए कहा कि ‘यह उस दौर के इतिहास का एक हिस्सा है जिसके बारे में इतिहास में आमतौर पर कोई चर्चा नहीं होती.औरंगजेब की मृत्यु के बाद सन 1713 से लेकर 1720 तक जिन दो भाईयों ने देश की सत्ता पर अधिकार जमाए रखा या असली सत्ता जिनके हाथ में रही वे दोनों शेख सैयद अब्दुल्ला अली खान और सैय्यद हुसैन अली खान किंगमेकर्स के नाम से कुख्यात रहे.उन दोनों के विषय में प्रामाणिक जानकारी देने वाली किताब है.’ आज के अंतिम सत्र में प्रवीण कुमार की किताब अमर देसवा पर बातचीत हुई.इस मौके पर प्रवीण कुमार ने कहा कि यह किताब महामारी के समय में जनता का शोषण करने वाले लोगों को कथा है.यह उस क्रोनी कैपिटलिज्म की कथा है जिसने पूरे देश को ही नहीं पृथ्वी को लूटा.’

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें