Jharkhand Government News: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड में खनिजों की अवैध ढुलाई में रेलवे की भूमिका की जांच व रोकथाम के लिए एक सदस्यीय एसआइटी गठन के प्रस्ताव पर मंजूरी दे दी है. झारखंड हाइकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश विनोद कुमार गुप्ता इस मामले की जांच करेंगे. एसआइटी का कार्यकाल छह माह का होगा. प्रस्ताव के तहत आयोग के अध्यक्ष को प्रतिमाह मानदेय, अध्यक्ष को उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के समतुल्य यात्रा भत्ता एवं अन्य सुविधाएं, आयोग के कार्यालय के लिए एक सहायक, एक आदेशपाल, एक कंप्यूटर ऑपरेटर और वाहन की सुविधा उपलब्ध कराने पर भी स्वीकृति दी है.
खान एवं खनिज (विकास व विनियमन) अधिनियम की धारा-23 (सी) के अंतर्गत राज्य में खनिजों के अवैध परिवहन की रोकथाम के लिए द झारखंड मिनरल्स (प्रीवेंशन ऑफ इलीगल माइनिंग, ट्रांसपोर्टेशन एंड स्टोरेज) रूल्स 2017 अधिसूचित किया गया है. अधिसूचित नियमावली के नियम- 9(1) के अनुसार, उत्खनित खनिजों का रेल मार्ग से परिवहन भी जिम्स पोर्टल से प्राप्त परिवहन चालान के माध्यम से ही किया जाना है.
इस संदर्भ में खान एवं भूतत्व विभाग एवं विभिन्न उपायुक्त / जिलास्तरीय पदाधिकारियों के माध्यम से भी वैध ई-चालान के साथ खनिजों के परिवहन के लिए कई निर्देश निर्गत किये गये हैं. इन सभी प्रयासों के बावजूद भी विभिन्न स्रोतों से सूचनाएं प्राप्त हो रहीं हैं कि रेलवे के माध्यम से बिना वैध चालान के भारी मात्रा में खनिज का परिवहन / हो रहा है. इस संदर्भ में उपायुक्त, दुमका द्वारा रेलवे के माध्यम से रेलवे साइडिंग से बिना परमिट/चालान के पत्थर चिप्स के परिवहन करने के संदर्भ में सूचनाएं/आंकड़े भेजे गये हैं.
इस अनियमितता में रेलवे के अधिकारियों की संलिप्तता साबित होती है. अतः राज्य अंतर्गत विभिन्न खनिजों के अवैध परिवहन में रेलवे के अधिकारियों की भूमिका की जांच एवं रोकथाम के लिए सुझाव देने हेतु एक सदस्यीय एसआइटी गठन करने का निर्णय लिया गया है. अत: द कमीशन ऑफ इनक्वायरी एक्ट 1952 की धारा-3 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए झारखंड सरकार द्वारा मुख्य न्यायाधीश (सेनि) झारखंड हाइकोर्ट विनोद कुमार गुप्ता को गठित एक सदस्यीय एसआइटी का अध्यक्ष नियुक्त करने का निर्णय लिया गया है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 14 दिसंबर 2022 को रेल मंत्री को पत्र लिख कर अवगत कराया था कि राज्य सरकार ने अवैध खनन व इसके परिवहन में रेलवे पदाधिकारियों की संलिप्तता व सभी बिंदुओं की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय जांच समिति के गठन का निर्णय लिया गया है. मुख्यमंत्री ने पत्र के माध्यम से रेल मंत्री से आग्रह किया था कि आपके द्वारा रेलवे के पदाधिकारियों को इस उच्चस्तरीय जांच समिति को सहयोग करने के लिए निर्देशित किया जाये.