Jharkhand Crime News : देवघर शहर के दवा व्यवसायी विनोद वाजपेयी चर्चित हत्याकांड में एडीजे नवम विजय कुमार श्रीवास्तव की अदालत से फैसला सुनाया गया. इस कांड के मुख्य अभियुक्त केशव दुबे के विरुद्ध हत्या का आरोप प्रमाणित होने पर उसे सश्रम उम्रकैद की सजा सुनायी गयी. साथ ही 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया, जो राशि मृतक के परिजन को देय होगी. कहा गया कि अगर दोषी उक्त राशि को देने में असमर्थ होता है, तो अलग से एक साल की साधारण सजा जेल में ही काटनी होगी. वहीं, इस मामले में चार आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में आरोप मुक्त किया गया.
तिवारीडीह गांव का रहने वाला है केशव दुबे
जसीडीह थाना के तिवारीडीह गांव का 26 वर्षीय केशव दुबे दवा व्यवसायी विनोद वाजपेयी की हत्या का मुख्य अभियुक्त है. वहीं, इस कांड के अन्य चार आरोपियों बबन कुमार उर्फ ऋत्विक मेहरा, सोनू यादव उर्फ छोटू, कन्हैया सिंह उर्फ अंकुश राज एवं ऋषभ राज उर्फ ऋषभ केशरी को संदेह का लाभ देते हुए कोर्ट ने आरोप से मुक्त कर दिया. कोर्ट ने इन चारों की हत्या में संलिप्तता नहीं पायी, जिसके चलते राहत मिल गयी.
कोर्ट में 16 लोगों की हुई गवाही
मृतक विनोद वाजपेयी के भाई सुमन कुमार वाजपेयी के लिखित बयान पर नगर थाना में 9 दिसंबर, 2018 को यह मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसमें गोली मारकर हत्या का आरोप लगाया गया था. मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष से 16 लोगों ने घटना के समर्थन में गवाही दी एवं एक अभियुक्त को दोषी करार देने में सफल हुए. अभियोजन पक्ष से प्रभारी लोक अभियोजक अरुण कुमार ने पक्ष रखा जबकि बचाव पक्ष से केशव दुबे के अधिवक्ता बलभद्र प्रसाद यादव थे. अन्य आरोपियों के अधिवक्ता अली अतहर, जितेंद्र यादव, प्रदीप कुमार झा एवं अमृत आनंद ने सुनवाई के दौरान पक्ष रखे थे.
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कैसे घटी थी गोली मारने की घटना
दर्ज एफआईआर के अनुसार, नगर भवन से सटे संजय मेडिकल में विनोद वाजपेयी अपने स्टाॅफ के साथ बैठा था. शाम करीब सात बजे एक बाइक से केशव दुबे एवं अन्य युवक आये एवं गाली गलौज करते हुए पूर्व में किये गये केस उठाने की धमकी दिये. इसी बात को लेकर बात आगे बढ़ी, तो मुख्य आरोपी ने पिस्तौल निकाला. दवा व्यवसायी विनोद वाजपेयी दुकान में रखे फ्रीज के पीछे भाग खड़ा हुआ, जहां पर उन्हें गोली मार दी एवं वहां से भाग गया. इसके बाद विनोद को गंभीर हालत में सदर अस्पताल ले गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. यह घटना 8 दिसंबर, 2018 को घटी एवं दूसरे दिन एफआईआर दर्ज हुआ. पुलिस ने अलग-अलग दो चरणाें में चार्जशीट दाखिल किया. दोबारा केस कमिट कर सेशन कोर्ट भेजा गया, जहां पर ट्रायल हुआ एवं दोष पाकर एक को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी. वहीं, अन्य चार आरोपियों को रिहा कर दिया गया.
जिसे दी गयी सजा
– केशव दुबे (उम्र 26 वर्ष), तिवारीडीह, जसीडीह, देवघर.
इन आरोपियों को किया रिहा
– बबन कुमार उर्फ ऋत्विक महरा (उम्र 24वर्ष), ठाढ़ीदुल्लमपुर, कुंडा, देवघर
– सोनू यादव उर्फ छोटू (उम्र 23 वर्ष), बसमता, देवघर
– कन्हैया सिंह उर्फ अंकुश राज (उम्र 24वर्ष), कुशमाहा, जसीडीह, देवघर और
– ऋषभ राज उर्फ ऋषभ केशरी,(उम्र 25 वर्ष), महावीर अखाड़ा, जलसार रोड, देवघर.
मृतक के भाई ने न्यायालय के फैसले का किया स्वागत
इस मामले के सूचक सुमन कुमार वाजपेयी कहते हैं कि न्यायालय के फैसले का आदर करता हूं. मैं अपने मृतक भाई को इंसाफ दिलाने के लिए चार साल तक संघर्ष किया और न्याय मिला. अभियुक्त अगर हाइकोर्ट में याचिका दाखिल करते हैं, तो वहां पर भी अपने अधिवक्ता के माध्यम से तथ्यों को रखेंगे ताकि उन्हें राहत न मिले सके.
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