World Hearing Day 2023: हर वर्ष 3 मार्च को विश्व श्रवण दिवस मनाया जाता है. वर्ष 2007 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस दिन को मनाने की घोषणा की थी. डब्ल्यूएचओ द्वारा हर साल लगाए जाने वाले इस कैंप में लोगों को बहरेपन की लगातार बढ़ रही समस्याओं के प्रति जागरूक किया जाता है. इस दिन का मुख्य उद्देश्य दुनियाभर में लोगों को सुनने की क्षमता से संबंधित रोगों के प्रति बताया जाता है, ताकि बहरेपन के लगातार बढ़ रहे मामलों को कम किया जा सके. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि यदि कान में तकलीफ हो रही है तो उसे इग्नोर ना करें
आज की जेनरेशन को जिस तरह का संगीत पसंद है उससे ये साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगर इयरफोन या होडफोन की मदद से सुनें तो कान को छति हो सकती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में लगभग 5 प्रतिशत ऐसे लोग हैं, जिन्हें कम सुनाई देता है या फिर वे पूरी तरह से बहरेपन का शिकार हैं और ज्यादातर 65 वर्ष की आयु से ऊपर के लोग इससे प्रभावित पाए जाते हैं.
उम्र बढ़ना और प्रेसबायक्यूसिस होना भारत में बहरेपन का दूसरा सबसे आम कारण हैं. इसके अलावा से भी सुनने की क्षमता प्रभावित होती है. कई मामलों में तो नॉयज पलूशन बहरेपन का कारण बनता है. यह समस्या उन लोगों में अधिक देखी जाती है तो शोर वाले इलाकों में काम करते हैं या वहां रहते हैं. हमेशा तेज आवाज में गाने सुनने भी बहरेपन का कारण बन सकता है.
बहरेपन की समस्या से लोगों को जागरूक करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2007 में यह दिन मनाने की घोषणा की थी.शुरुआत में इस दिन का नाम इंटरनेशनल ईयर केयर रखा गया था.लेकिन वर्ष 2016 में इस दिन का नाम बदलकर वर्ल्ड हियरिंग डे यानी विश्व श्रवण दिवस रख दिया गया था.हर वर्ष विश्व स्वास्थ्य संगठन एक थीम तय करता है और शैक्षिक सामग्री तैयार करता है जो विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध कराए जाते हैं.यह शैक्षिक सामग्री तैयार करने का उद्देश्य लोगों को जागरुक करना है और उन्हें इस समस्या के प्रति जानकारी देना है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.