20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Holi 2023 Date: होली कब है? 30 साल बाद बना है अद्भुत संयोग, नोट करें होलिका दहन का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Holi 2023 Date:होलिका दहन के अगले दिन यानी कि 08 मार्च 2023, बुधवार को रंग खेलने वाली होली मनाई जाएगी. इस पर्व का जश्न लोग एक दूसरे को रंग लगाकर और गले मिलकर मनाते हैं.

होली का त्योहार फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के अगले दिन मानाया जाता है. दरअसल फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होलिका दहन मानाया जाता है. इसे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना गया है.  होली का त्योहार यूपी, बिहार सहित देश के कई राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है. उत्तर प्रदेश के मथुरा में होली का पर्व कई दिन पहले से शुरू हो जाता है. इस बार भद्राकाल के कारण होलिका दहन के शुभ समय को लेकर लोग संशय में हैं वहीं प्रतिपदा तिथि को लेकर होली की डेट में भी उलझन में हैं.  

कब है होलिका दहन

भद्राकाल में होलिका दहन नहीं करना चाहिए. इसके लिए भद्राकाल समाप्त होने का इंतजार करना चाहिए. होलिका दहन के लिए भद्रामुक्त पूर्णिमा तिथि जरूरी है. हिंदू धर्म में भद्रा को अशुभ माना जाता है. इस दौरान शुभ कार्यों की मनाही होती है.

पूर्णिमा तिथि 6 मार्च को शाम 6 बजकर 17 मिनट पर शुरू हो जाएगी और 7 मार्च 2023 मंगलवार 06:09 मिनट तक रहेगी. लेकिन होलिका दहन 7 मार्च को किया जाएगा. होलिका दहन के लिए शुभ समय 7 मार्च 2023 को शाम 6:24 मिनट से रात 8:51 मिनट (Holika Dahan Shubh Muhurat) तक है. इसके बाद 8 मार्च को रंगों की होली (Holi of Colours) खेली जाएगी. स्मृतिसार नामक शास्त्र के मुताबिक जिस वर्ष फाल्गुन की पूर्णिमा तिथि दो दिन के प्रदोष को स्पर्श करे, तब दूसरी पूर्णिमा यानी अगले दिन में होली जलाना चाहिए. इस बार भी पूर्णिमा तिथि 6 मार्च और 7 मार्च दोनों दिन प्रदोष काल को स्‍पर्श कर रही है, ऐसे में 7 मार्च को होलिका दहन करना शुभ होगा.

शनि-सूर्य और बुध बनाएंगे त्रिग्रही योग

इस समय शनि की राशि कुंभ में शनि-सूर्य और बुध की युति बन रही है. इन 3 ग्रहों की युति से त्रिग्रही योग बन रहा है. ऐसा संयोग 30 साल बाद बना है. इससे पहले 1993 में होलिका दहन के मौके पर ये तीनों ग्रह कुंभ राशि में थे. इसके अलावा गुरु स्‍वराशि मीन में हैं, जो कि 12 साल बाद हो रहा है.

क्या है होली का पौराणिक कथा

पौराणिक कथा के अनुसार प्राचीन काल में हिरण्यकश्यप नाम का एक असुर राजा था. उसने घमंड में चूर होकर खुद के ईश्वर होने का दावा किया था. इतना ही नहीं, हिरण्यकश्यप ने राज्य में ईश्वर के नाम लेने पर ही पाबंदी लगा दी थी. लेकिन हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रह्लाद ईश्वर भक्त था. वहीं, हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को आग में भस्म न होने का वरदान मिला हुआ था. एक बार हिरण्यकश्यप ने होलिका को आदेश दिया कि प्रह्लाद को गोद में लेकर आग में बैठ जाए. लेकिन आग में बैठने पर होलिका जल गई और प्रह्लाद बच गया. और तब से ही ईश्वर भक्त प्रह्लाद की याद में होलीका दहन किया जाने लगा.

होली कब है? जानें सही तारीख

होलिका दहन के अगले दिन यानी कि 08 मार्च 2023, बुधवार को रंग खेलने वाली होली मनाई जाएगी. इस पर्व का जश्न लोग एक दूसरे को रंग लगाकर और गले मिलकर मनाते हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें