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UP Budget Session 2023: विशेषाधिकार हनन मामले में डीएसपी सहित 6 पुलिसकर्मियों को एक दिन के कारावास की सजा

कानपुर में एक प्रदर्शन के दौरान 19 साल पहले उस वक्त के बीजेपी विधायक सलिल बिश्नोई और उनके साथ मौजूद कार्यकर्ताओं की पिटाई इन पुलिसकर्मियों ने कर दी थी. इस मामले में विधायक के विशेषाधिकार हनन का मामला लाया गया था. लेकिन अभी तक आरोपियों को सजा नहीं सुनाई गयी थी.

लखनऊ: यूपी विधानसभा बजट सत्र 2023 (UP Budget Session 2023) का 11वां दिन ऐतिहासिक रहा. 3 मार्च शुक्रवार को विधान सभा में अदालत लगी. 15 सितंबर 2004 के एक मामले में पूर्व डीएसपी अब्दुल समद सहित 6 पुलिसकर्मियों को विशेषाधिकारी हनन के मामले में एक दिन के कारावास की सजा सुनायी गयी. संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना के प्रस्ताव पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने आरोपी पुलिसकर्मियों को एक दिन विधान भवन परिसर के लॉकअप में रखने का आदेश दिया.

आज रात 12 बजे तक होगा कारावास

विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने आदेश दिया कि यह कारावास तारीख बदलने तक यानी कि रात 3 मार्च की रात 12 बजे तक होगा. सभी आरोपियों तत्कालीन डीएसपी अब्दुल समद, थानाध्यक्ष किदवई नगर ऋषिकांत शुक्ला, दरोगा त्रिलोकी सिंह, सिपाही छोटेलाल, विनोद मिश्र, मेहरबान सिंह को विधान भवन परिसर में बने लॉकअप में ही रहना होगा. कारावास के दौरान उन्हें भोजन व पानी मिलेगा. किसी तरह का उत्पीड़न नहीं किया जाएगा.

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एक मंत्री ने उदारता बरतने का अनुरोध किया

इससे पहले सदन ने आरोपी पुलिसकर्मियों को न्यूनतम सजा देने की मांग की थी. आरोपी पुलिसकर्मियों ने विधानसभा के सदस्यों और अध्यक्ष से अपने कृत्य के लिये माफी मांगी. स्पीकर सतीश महाना ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुनाया. पुलिसकर्मियों को सजा सुनाने के बाद मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने विधानसभा अध्यक्ष से आरोपी पुलिसकर्मियों के प्रति उदारता का परिचय देते हुए कुछ घंटे कारावास में रखने का अनुरोध किया. इस पर जवाब में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि स्पीकर के आदेश के बाद अब किसी और सुधार की संभावना नहीं है.

विधान भवन में बनी एक सेल में ही रखे जाएंगे पुलिसकर्मी

इसके बाद विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना ने अपना फैसला पढ़कर सुनाया. उन्होंने मार्शल को आदेश दिया कि सभी आरोपियों को विधान भवन परिसर में बनी एक सेल में रखा जाए. यह सेल विधान भवन में पहले सही बनी है. आरोपी पुलिसकर्मियों के साथ कोई उत्पीड़न की कार्रवाई न करने का भी आदेश विधानसभा अध्यक्ष ने दिया है. इससे पहले विशेषाधिकार समिति ने इस मामले की सुनवाई के बाद सभी आरोपियों के निलंबन और गंभीर दंड का प्रस्ताव दिया था.

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