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Pravasi Bharatiya Divas 2023: आज है प्रवासी भारतीय दिवस, जानें इस दिन का इतिहास और क्यों मनाया जाता है ये दिन

Pravasi Bharatiya Divas 2023: 9 जनवरी के दिन प्रावासी भारतीय दिवस सम्मेलन का आयोजन किया जाता है. प्रवासी भारतीय दिवस की स्थापना की घोषणा 2002 में उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा की गई थी.

Pravasi Bharatiya Divas 2023: प्रवासी भारतीय दिवस के आयोजन की मेजबानी के साथ इंदौर के लिए अनोखा संयोग बन रहा है. आयोजन के अंतिम दिन तीन देशों के राष्ट्रपति एक साथ इंदौर में मौजूद रहेंगे.

जानें प्रवासी भारतीय दिवस का इतिहास

वर्ष 1915 में 9 जनवरी को भारत के राष्ट्रपिता के नाम जाने जाने वाले महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रिका से भारत आए थे और संवतंत्रता संग्राम की शुरुआत की गई. उन्होंने देश को अजाद करने के लिए कई तरह के आंदलनों की शुरुआत की. इस दिन प्रावासी भारतीय दिवस सम्मेलन का आयोजन किया जाता है. प्रवासी भारतीय दिवस की स्थापना की घोषणा 2002 में उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा की गई थी. इस  दिवस को मनाने कि घोषणा उन्होंने 8 जनवरी को नई दिल्ली में स्थित विज्ञान भवन में की गई थी.

प्रवासी भारतीय दिवस कन्वेंशन 2023 का थीम

प्रवासी भारतीय दिवस 2023 का थीम है “डायस्पोरा: अमृत काल में भारत की प्रगति के लिए विश्वसनीय भागीदार” (Diaspora: Reliable partners for India’s progress in Amrit Kaal”)है. 10 जनवरी 2023 को राष्ट्रपति  द्रौपदी मुर्मू, प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार प्रदान करेंगी और समापन सत्र की अध्यक्षता करेंगी.

इससे पहले 17वें प्रवासी भारतीय दिवस के आयोजन का सिलसिला 8 जनवरी से शुरू हो चुका है. इस दिन अतिथि के रूप में आस्ट्रेलिया की सांसद जेनेटा मेस्क्रेंहेंस मंच पर देश के विदेश मंत्री एस जयशंकर और युवा व खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ मौजूद रहेंगी. दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व दोनों विदेशी राष्ट्राध्यक्षों के साथ मंच पर रहेंगे.

प्रवासी भारतीय दिवस का महत्व

इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनिया के अन्य देशों में रह रहे भारतीय समुदायों द्वारा भारत के विकास में कर रहे निरंतर योगदान के लिए उनकी सराहना करना है. इसके साथ उन्हें एक ऐसा मंच प्रदान करना है जहां वह अपने विशेषज्ञता वाले क्षेत्र से संबंधित मुद्दो पर अपना राय दे सकें और निती निर्माण में सहायता कर सकें. इस दिवस के माध्य से भारत सरकार अन्य देशों में रह रहे भारतीय मूल के लोगों से जुड़ पाते हैं. भारतीय सरकार का मानना है कि अन्य देशों में रह रहे गैर आवासी भारतीय और प्रवासी भारतीय समुदायों के लोगों के पास व्यापार और विकास के लिए कई रणनीतियों के मामलों का एक्पोजर होता है. यदि उन्हें अवसर दिया जाए तो वह अपना मातृभूमि (भारत) के विकास के लिए अपने अनुभवों और विचारों को प्रकट कर अपना योगदान दे सकते हैं. जिसके लिए इस दिन सम्मेलनया का आयोजन किया जाता है.

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