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Explainer : विपक्षी एकजुटता में लग गया पलीता! नगालैंड में सरकार के साथ एनसीपी

क्षेत्रीय छत्रपों के तौर पर महाराष्ट्र की दिग्गज राजनीतिक दलों में शुमार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नगालैंड में भाजपा समर्थित एनडीपीपी सरकार के साथ जाने का फैसला किया है, लेकिन इसका असर महराष्ट्र समेत देश की राजनीति में देखने को मिल सकता है.

मुंबई : देश के प्रमुख विपक्षी राजनीतिक दलों में शुमार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने नगालैंड में विपक्ष की सीट पर बैठने की बजाय मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो की सरकार को समर्थन देने का ऐलान किया है. आपको बता दें कि नगालैंड में भाजपा के समर्थन से एनडीपीपी के सरकार का गठन हुआ है. हालांकि, अभी तक इस बात का कोई साफ कारण नहीं बताया गया है कि एनसीपी नगालैंड में सरकार में शामिल होगी या फिर बाहर से समर्थन भर देगी?

विपक्षी एकजुटता में कहीं पलीता तो नहीं लगा रही एनसीपी?

यह बात दीगर है कि क्षेत्रीय छत्रपों के तौर पर महाराष्ट्र की दिग्गज राजनीतिक दलों में शुमार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नगालैंड में भाजपा समर्थित एनडीपीपी सरकार के साथ जाने का फैसला किया है, लेकिन इसका असर महराष्ट्र समेत देश की राजनीति में देखने को मिल सकता है. इसका कारण यह है कि महाराष्ट्र में एनसीपी गैर-भाजपाई गठबंधन महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के साथ खड़ी नजर आती है, जिसका नेतृत्व शिवसेना (उद्धव गुट) के प्रमुख उद्धव ठाकरे कर रहे हैं. ऐसे में, आने वाले 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्षी एकजुटता की मुहिम को देखा जाए, तो इसमें एनसीपी उसमें पलीता लगाती ही नजर आ रही है.

नरेंद्र वर्मा के इशारे पर हुआ फैसला

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, एनसीपी की ओर से उठाया गया यह कदम पार्टी की नगालैंड इकाई के हित में बताया जा रहा है. इसका कारण यह है कि नगालैंड में एनसीपी ने तकरीबन 7 सीटों पर जीत हासिल की है. समाचार एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, एनसीपी की ओर से नगालैंड में भाजपा समर्थित सरकार के साथ जाने का फैसला पार्टी की पूर्वोत्तर राज्य इकाई के अध्यक्ष और राष्ट्रीय महासचिव नरेंद्र वर्मा के इशारे पर किया गया है. उन्होंने बताया कि एनसीपी नगालैंड विधानसभा में विपक्ष के नेता के पद के लिए प्रस्ताव पेश करने पर विचार कर रही थी. नरेंद्र वर्मा की ओर से बुधवार की शाम जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, एनसीपी विधायक दल की पहली बैठक 4 मार्च को कोहिमा में हुई थी. इस बैठक में चर्चा यह की गई थी कि एनसीपी विधायक दल का नेता, उपनेता, मुख्य सचेतक, सचेतक और प्रवक्ता कौन होगा, इस विषय पर फैसला किया गया था. इस बैठक में एर पिक्टो शोहे को एनसीपी विधायक दल का नेता चुना गया था. इसके बाद पी लॉन्गोन को उपनेता, नामरी नचांग को मुख्य सचेतक, वाई मोहनबेगो हम्त्सो को सचेतक और तोइहो येप्थे को प्रवक्ता बनाया गया था.

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क्यों किया सरकार का समर्थन

विगत चार मार्च को एनसीपी की नगालैंड इकाई की बैठक में इस बात पर चर्चा हुई थी कि क्या एनसीपी सरकार का हिस्सा बनने जा रही है या मुख्य विपक्षी पार्टी की भूमिका निभाएगी? स्थानीय नवनिर्वाचित विधायकों और नगालैंड की एनसीपी स्थानीय निकाय की राय थी कि हमें सरकार का हिस्सा होना चाहिए और एन रियो की अध्यक्षता वाली पार्टी नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पाटी (एनडीपीपी) के प्रमुख और नगालैंड राज्य के व्यापक हित के साथ अपने अच्छे संबंधों को देखते हुए सरकार के साथ जाना ज्यादा बेहतर होगा. इस बैठक में अंतिम फैसला शरद पवार पर छोड़ा गया.

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