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Agriculture News: बिहार में बटन मशरूम का उत्पादन अब हुआ आसान, लाखों रुपए का होगा फायदा, जानें तरीका

Agriculture News: बटन मशरूम की खेती अब आसानी से की जा सकती है. इससे किसानों को काफी फायदा होगा. दरअसल बिहार के कटिहार में कृषि विज्ञान केंद्र ने बटन मशरूम को तैयार किया है. इससे कटिहार जिले के किसानों को अब अन्य मशरूम के साथ-साथ बटन मशरूम के उत्पादन करने का अवसर भी मिलेगा.

Agriculture News: बटन मशरूम की खेती अब आसानी से की जा सकती है. इससे किसानों को काफी फायदा होगा. दरअसल बिहार के कटिहार में कृषि विज्ञान केंद्र ने बटन मशरूम को तैयार किया है. इससे कटिहार जिले के किसानों को अब अन्य मशरूम के साथ-साथ बटन मशरूम के उत्पादन करने का अवसर भी मिलेगा. वहीं पिछले कुछ समय से कृषि विज्ञान केंद्र के हेड व प्रधान वैज्ञानिक डॉ रीता सिंह के नेतृत्व में बटन मशरूम को तैयार करने की प्रक्रिया जारी थी. केवीके के वैज्ञानिकों की टीम इसमें काफी समय से जुटी थी. इसमें निर्धारित प्रक्रिया के तहत कृषि विज्ञान केंद्र में बटन मशरूम तैयार किया जा रहा है. इसलिए जिले के किसानों को बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर या पटना आदि अन्य क्षेत्र से बटन मशरूम के लिए अब जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

अन्य मशरूम की तुलना में डिमांड ज्यादा

बटन मशरूम का प्रदर्शन भी किया गया. इसे दर्शाते हुए कवीके हेड डॉ रीता ने कहा कि इससे कटिहार जिले के किसानों को काफी फायदा मिलेगा. यहां के किसान अब बटन मशरूम तैयार कर सकेंगे. बातचीत में कवीके हेड डॉ रीता कहती है कि कटिहार जिले के किसान पहले से अन्य दूसरे प्रजाति के मशरूम का उत्पादन करते रहे है. लेकिन बटन मशरूम की खेती बिहार के कुछ क्षेत्रों के अलावा देश के अन्य हिस्सों में होती है. इसके लिए वातावरण अनुकूल होनी चाहिए. बटन मशरूम मुख्य रूप से अक्टूबर से फरवरी तक लगाया जाता है. अन्य मशरूम की तुलना में बटन मशरूम की डिमांड काफी अधिक है. आपको बता दें कि भारत में सर्वाधिक उत्पादन बटन मशरूम का ही होता है.

बटन मशरूम के लिए करें कंपोस्ट तैयार

किसान बड़ी संख्या में बटन मशरूम की तुलना में अन्य मशरूम का उत्पादन करते है. गौरतलब है कि मशरूम में कई पोषक तत्व पाए जाते है. मशरूम का सेवन करने से शरीर को कई पोषक तत्त्व की प्राप्ति होती है. यही वजह है कि बाजार में अन्य मशरूम की तुलना में बटन मशरूम की मांग अधिक है. बटन मशरूम की खेती एक विशेष प्रकार की खाद पर ही की जाती है. जिसे कंपोस्ट कहते हैं. मशरूम कंपोस्ट तैयार करने के लिए किसी विशेष मूल्यवान मशीनरी या यंत्र की जरूरत नहीं पड़ती है. कंपोस्ट बनाने में भूसा या कुट्टी, केल्शिम अमोनियम नाईट्रेट, गेहूं का चोकरऔर जिप्सम की जरूरत होती है.

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कंपोस्ट बनाने की विधि

यह कंपोस्ट शेड में ही तैयार किया जाता है. कंपोस्ट तैयार करने में करीब 20 से 25 दिन का समय लगता है. कंपोस्ट बनाने की विधि के बारे में बताते हुए डॉ रीता ने कहा कि सबसे पहले समतल और साफ फर्श पर भूसे को दो दिन तक पानी डाल कर गिला किया जाता है. इस अवस्था में जरूरत के अनुसार भूसे में नमी होनी चाहिए और भूसा अधिक गिला नही होना चाहिए. इस गीले भूसे में जिप्सम को छोड़कर अन्य सभी सामग्री को मिला कर उसे थोड़ा और गिला करें. इस दौरान इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि पानी उसमे से बाहर नहीं निकले. फिर भूसे को चौकोर ढ़ेर बना लें. भूसे के ढ़ेर को दो-तीन दिन तक ऐसे ही पड़ा रहने दें. चार दिन बाद ढ़ेर की पलटी शुरू करें. साथ ही ध्यान रखें की ढ़ेर का अन्दर का हिस्सा बाहर और बाहर का हिस्सा अन्दर आ जाए. तीन-चार दिन के अंतराल पर भूसे को पलटी करना है. फिर बारहवें दिन जिप्सम को मिलाना है. वैज्ञानिक डॉ रीता ने कहा कि निर्धारित अवधि में बटन मशरूम का बीज तैयार कंपोस्ट में डालना है.

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सालों भर हो सकता है उत्पादन

डॉ रीता सिंह नेआगे यह भी जानकारी दी कि बटन मशरूम तैयार करना एक बड़ी समस्या थी. लेकिन कृषि विज्ञान केंद्र की टीम ने पहल करके यहां बटन मशरूम तैयार कर लिया है. कटिहार जिले के किसानों को अब इसका फायदा मिलेगा. बिहार में तापमान में अब इजाफा होने लगा है. इसलिए यह मौसम अनुकूल नहीं है. अक्टूबर से मार्च तक बटन मशरूम का उत्पादन करना उपयुक्त है. वहीं अगर वातावरण अनुकूल तो पूरे साल बटन मशरूम का उत्पादन किया जा सकता है.

Published By: Sakshi Shiva

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