पटना प्रमंडल में लोक शिकायत में आने वाली समस्याओं का निष्पादन कैलेंडर बना कर होगा. जिलास्तरीय कार्यालय से लेकर अनुमंडल, प्रखंड व अंचलों व पंचायत में अधिकारियों की टीम आने वाली शिकायतों का नियमित तौर पर निरीक्षण करेंगे. डीएम को यह काम निष्पादित कराना है. निरीक्षण के बाद रिपोर्ट आयुक्त को उपलब्ध कराना है. लोक शिकायत निवारण के मामले में लापरवाही बरतने वाले वाले अधिकारियों पर कार्रवाई होगी. ऐसे अधिकारियों पर आर्थिक दंड लगाये जायेंगे. जिला स्तरीय व क्षेत्रीय कार्यालयों में लोक शिकायतों के निरीक्षण का काम तेज होगा. 60 दिनों से अधिक होने पर लोक शिकायत से संबंधित मामले शून्य रखने का आयुक्त कुमार रवि ने निर्देश दिया है.
पटना प्रमंडल में लोक शिकायत निवारण पदाधिकारियों ने 7679 आवेदनों का निवारण किया है. अप्रैल 2022 से लेकर छह मार्च तक की अवधि में 1.61 लाख मामलों की सुनवाई हुई. पटना, नालंदा, बक्सर व कैमूर जिले में 60 कार्य दिवस से अधिक लंबित मामले नहीं बचे हैं. आयुक्त ने योजनाओं की समीक्षा में कहा कि लोक शिकायतों का ससमय गुणवत्तापूर्ण निवारण व लोगों को नियत समय में सेवा प्रदान करना चाहिए. 60 कार्य दिवस से अधिक लंबित मामलों की संख्या शून्य रहनी चाहिए. लोक शिकायतों की सुनवाई में लोक प्राधिकारों की उपस्थिति सुनिश्चित करनी होगी. आदेश के अनुपालन में लापरवाही बरतने वाले लोक पदाधिकारियों के विरुद्ध आर्थिक दंड लगाने के साथ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाये.
आयुक्त कुमार रवि ने सभी डीएम को जिलास्तरीय कार्यालयों, अनुमंडलों, प्रखंडों, अंचलों व पंचायतों में टीम बनाकर कैलेंडर के अनुसार नियमित तौर पर निरीक्षण करने को कहा है. आयुक्त ने जनता के दरबार में मुख्यमंत्री में प्राप्त आवेदनों व मुख्यमंत्री की समाधान यात्रा के दरम्यान प्राप्त शिकायतों का निष्पादन सुनिश्चित करने की बात कही. सभी डीएम को टीम बनाकर अंचलों, अनुमंडलों एवं जिलास्तर पर आरटीपीएस काउंटर पर नियमित निरीक्षण करने का निर्देश दिया है. सात निश्चय से संबंधित योजनाएं हर घर नल का जल, घर तक पक्की गली-नाली, बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, जल-जीवन-हरियाली अभियान सहित सभी विकासात्मक और लोक कल्याणकारी येाजनाओं का तेजी से काम हो. किसी भी तरह की गड़बड़ी की शिकायत पर शीघ्र कार्रवाई की जाये.