बरियातू के एदलहातू निवासी छात्र शौर्य कुमार की अपहरण के बाद हत्या के केस में बरियातू पुलिस की लापरवाही की सीआइडी जांच शुरू कर दी गयी है. शौर्य डीएवी गांधीनगर में पढ़ता था. मामले की जांच के लिए सीआइडी मुख्यालय ने डीएसपी रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में टीम बनायी है. सीआइडी की टीम ने जांच के क्रम में मृतक छात्र के पिता राजू गोप के घर जाकर उनका बयान लिया है.
सीआइडी के अधिकारियों को दिये बयान में राजू गोप ने बताया कि तीन मार्च की शाम जब उनका बेटा अगवा हुआ था, तो बरियातू थाना की पुलिस रात करीब 9:00 बजे जांच के लिए उनके घर पहुंची थी. उन्होंने घटना की पूरी जानकारी पुलिस को दी थी, लेकिन पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया. दूसरे दिन यानी चार मार्च को बरियातू पुलिस ने दोबारा आकर मामले में केस दर्ज किया. साथ ही मीडिया से दूर रहने की हिदायत दी.
कहा कि अभी किसी को बताना नहीं है. जब राजू गोप ने अपने बेटे की तलाश शुरू की, तो पुलिस उनके साथ चिरौंदी तक पहुंची. लेकिन वहां पहुंचने के बाद पुलिस ने कहा कि सभी थानों को वायरलेस कर दिया गया है. बच्चे का हुलिया बता दिया गया है. यहां से आगे आप देख लीजिये.
इसके बाद बरियातू पुलिस चिरौंदी से लौट गयी. इन तथ्यों के आधार पर कहा जा सकता है कि बरियातू पुलिस ने पहले तो अपहरण जैसे गंभीर अपराध में केस दर्ज करने में देरी की, वहीं अपहरण के बाद बच्चे की तलाश में विशेष रुचि नहीं ली. गौरतलब है कि विभिन्न माध्यमों से सीआइडी के अधिकारियों को जानकारी मिल रही थी कि शौर्य के अपहरण केस में बरियातू पुलिस ने लापरवाही बरती है.
अपहरण और हत्या की घटना में गिरफ्तार आरोपी के खिलाफ वैज्ञानिक और तकनीकी जांच कर ठोस साक्ष्य एकत्रित करने के लिए पुलिस एफएसएल की मदद ले रही है. अपहरण की घटना में प्रयुक्त कार की भी पुलिस ने एफएसएल से जांच करायी है, ताकि आरोपी के उंगलियों के निशान मिल सकें. इसके अलावा सेलोटेप सहित अन्य बरामद सामान की भी एफएसएल से जांच करायी गयी है.
पुलिस ने जांच के बाद सभी सामान को सील कर दिया है. बाद में इन चीजों को कोर्ट की अनुमति के बाद एफएसएल के पास भेज दिया जायेगा. इधर, आरोपी के खिलाफ तकनीकी साक्ष्य जुटाने के लिए शुक्रवार को पुलिस ने एदलहातू से लेकर नगड़ी तक विभिन्न स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरे की जांच की.