झरिया की विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह का पूर्व ड्राइवर अजय रवानी, नीरज सिंंह के हत्यारे के संपर्क में था. पुलिस सूत्रों के अनुसार, अजय रवानी गैंगस्टर अमन सिंह व प्रिंस खान के संपर्क में था. इसके लिए उसने अमन सिंह के एक साथी अजय को माध्यम बनाया था. वह विधायक सहित उनके एक नजदीकी रिश्तेदार, धनबाद के एक बड़ी आउटर्सोसिंग कंपनी के संचालक तथा एक अन्य बड़े कोयला व्यवसायी की रेकी कर रहा था.
उसने विधायक के कार्यक्रम के कई वीडियो फुटेज अमन सिंह को शेयर किये थे. पुलिस का दावा है कि धनबाद को एक बार फिर रक्तरंजित करने की तैयारी चल रही थी. होली के दौरान ही घटना को अंजाम देना था. इस बीच पुलिस की कार्रवाई से योजना फेल हो गयी. जांच के क्रम में कई व्हाट्सऐप व वीडियो चैट का पता चला है. पुलिस इसी आधार पर अजय व उसके एक सहयोगी को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. हालांकि, इस मामले में पुलिस ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है.
सूत्रों के अनुसार, केंदुआ क्षेत्र में एक आउटसोर्सिंग कंपनी के संचालक पर पिछले माह हुए जानलेवा हमले में पुलिस ने पिछले दिनों अजय रवानी को पूछताछ के लिए पुटकी थाना बुलाया था. इस दौरान अजय रवानी ने बताया कि वह फिलहाल विधायक के करीबी िरश्तेदार की गाड़ी चला रहा है, जबकि लगभग पांच माह तक झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह का भी निजी वाहन चलाता था.
जांच के दौरान पता चला कि वह विधायक के कार्यक्रम का वीडियो बना कर गैंगस्टर अमन सिंह के लिए काम करनेवाले सदस्यों को मुहैया कराता था. वह उन लोगों से व्हाट्सऐप पर लगातार संपर्क में था. हालांकि, उसने सभी चैट डिलीट कर दिये थे, पर पुलिस ने साइबर सेल की मदद से सबका पता लगाया है. पुलिस को इस मामले में कई खुलासा होने की उम्मीद है, पर वह कोई भी खुलासा करने से इनकार कर रही है. दूसरी ओर जानकारों का कहना है कि धनबाद रक्तरंजित होने से बच गया.
सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने अजय रवानी से पूछताछ व अन्य स्रोतों से मिली जानकारी के आधार पर प्रिंस खान व अमन सिंह से जुड़े लोगों की सूची तैयार की है. पिछले दो-तीन दिनों में पुलिस ने सिंदरी, निचितपुर व कतरास के कुछ इलाकों में कई संदिग्धों के यहां पूछताछ की है. इस दौरान एक अन्य व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है. आरोप है कि कतरास निवासी उक्त व्यक्ति प्रिंस खान के लिए वसूली करता है.
21 मार्च 2017 को धनबाद के स्टील गेट के समीप पूर्व डिप्टी मेयर और कांग्रेस नेता नीरज सिंह, उनके पीए अशोक यादव, निजी अंगरक्षक मुन्ना तिवारी और ड्राइवर घोलटू की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी. इस हत्याकांड को शूटर अमन सिंह ने अपने सहयोगियों के साथ अंजाम दिया था. अमन सिंह इस कांड में ही फिलहाल दुमका जेल में बंद है.