रामगढ़ उपचुनाव में महागठबंधन की ओर से कांग्रेस उम्मीदवार बजरंग महतो को मिली हार की समीक्षा हो रही है़ प्रदेश नेतृत्व की ओर से आलाकमान को चुनाव में मिली शिकस्त के कारणों की जानकारी दी गयी है. चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद और उनके पिता पूर्व मंत्री योगेंद्र साव ने विधायक प्रतिनिधि की हत्या के मुद्दे पर अपनी ही सरकार को घेरा था.
पुलिस प्रशासन पर सीधा आरोप लगाया था कि वो वसूली में लगी है. हत्या के बाद राज्य की विधि-व्यवस्था को लेकर विधायक अंबा और श्री साव ने गंभीर आरोप लगाये थे. इस मामले को कांग्रेस ने गंभीरता से लिया है. प्रदेश नेतृत्व की ओर से आलाकमान को बताया गया है कि पार्टी नेताओं के बयान से सरकार की छवि खराब हुई है़ चुनाव पर भी इसका असर पड़ा.
केंद्रीय नेतृत्व को बताया गया कि मुख्यमंत्री सहित गठबंधन के सभी मंत्री सरकार की उपलब्धियां बता रहे थे. सरकार ने पिछले तीन वर्षों में झारखंड के आम लोगों के लिए जो किया है, नीतियां बनायी हैं, उसे इनके सरकार विरोधी बयान से धक्का लगा. वहीं, प्रदेश नेतृत्व ने हार की समीक्षा में कहा है कि भाजपा-आजसू गठबंधन भी कारण बना. भाजपा और आजसू ने मिल कर वोट का ध्रुवीकरण किया.
इसके विपरीत महागठबंधन इनके खिलाफ कोई कारगर रणनीति नहीं बना पायी़ प्रदेश नेतृत्व ने पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा-आजसू गठबंधन नहीं होने के कारण बनी राजनीतिक परिस्थिति की बाबत भी जानकारी दी है. प्रदेश नेतृत्व की ओर से बताया गया कि कई इलाके में महागठबंधन वोटों को गोलबंद नहीं कर पाया. जातीय समीकरण में भाजपा-आजसू गठबंधन भारी पड़ा. महतो वोट बैंक में सेंधमारी नहीं कर पाये.
हार के कारणों को लेकर केंद्रीय नेतृत्व से बात हुई है़ प्रभारी को वस्तु स्थिति की जानकारी दी गयी है़ चुनाव में हार-जीत लगी रहती है़ हार के बाद हम परिणाम की समीक्षा भी करते है़ं रामगढ़ मिली हार के पीछे कई कारण रहे हैं. उन परिस्थितियों और कारणों से आलाकमान को अवगत करा दिया गया है़ हम आने वाले समय में प्रदेश के आला नेताओं-समर्पित कार्यकर्ताओं के साथ बैठेंगे और पुरानी गलतियों को सुधारने की दिशा में काम होगा.
राजेश ठाकुर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष