Bihar Budget Session: होली के छुट्टियों के बाद आज विधानसभा का सत्र फिर से शुरू हो रहा है. आज सातवें दिन की बैठक फिर से शुरू हो रहा. इस संबंध में शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव तैयार किया है जिसे आज यानी सोमवार को विधानसभा में शिक्षा मंत्री द्वारा पेश किए जाने वाले विभाग के बजट में मंजूरी दी जानी है. आईआईएम, आईआईटी और मेडिकल कॉलेज सहित अन्य बड़े शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड की राशि सीमा 4 लाख से अधिक बढ़ाई जाएगी. 2023-24 सत्र से ही यह राशि बढ़ाने पर मंजूरी मिलने की संभावना है. यह वृद्धि संस्थानों की फीस के अनुरूप होगी. नए वित्तीय वर्ष में शिक्षा विभाग कई बड़े बदलाव और सुधार की तैयारी में है.
1. बिहार के विश्वविद्यालयों में शोध कार्य की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य स्तरीय फैलोशिप देने का प्रस्ताव है.
2. पढ़ाई के लिए विदेश जाने वाले सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर छात्र-छात्राओं को विशेष छात्रवृत्ति देने की भी योजना है.
3. राज्य के मेधावी छात्रों को विश्व स्तरीय शिक्षा के लिए विदेशों में पढ़ने के लिए ऋण की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराने की भी तैयारी है.
4. राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के प्री पीएचडी प्रवेश परीक्षा संयुक्त और एकीकृत रूप से कराने की भी योजना है. बता दे की सभी विश्वविद्यालय प्री पीएचडी प्रवेश परीक्षा अलग-अलग आयोजित करते हैं.
5. 2023-24 सत्र से राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में स्नातक स्तर पर च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) लागू करने की तैयारी है. शिक्षा विभाग सभी विश्वविद्यालयों से समन्वय स्थापित कर इसे लागू कराएगा.
6. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेम वर्क अधिकारिक उच्चतर शिक्षा संस्थानों को रैंकिंग में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने की योजना है.
7. अधिक से अधिक उच्चतर शिक्षण संस्थानों को नैक द्वारा एक्रीडिएशन कराने की भी योजना है.
8. कोर्स पूरा होने के बाद 2 लाख तक के ऋण 60 मासिक किस्तों में और 2 लाख से अधिक ऋण को अधिकतम 84 किस्तों में वापस किया जा सकता है. इसके साथ ही अधिकतम अवधि से पूर्व ऋण वापसी की स्थिति में 0.25 प्रतिशत ब्याज में छूट मिलेगी.
शिक्षा वित्त निगम के माध्यम से सरकार छात्रों को 4 प्रतिशत और छात्राओं व दिव्यांग स्टूडेंट को 1 प्रतिशत ब्याज पर अधिकतम 4 लाख रुपए तक ऋण दिलाती है. विभिन्न तकनीकी संस्थानों के साथ सामान्य कोर्स के लिए भी छात्र ऋण ले सकते हैं. इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना होता है. राज्य के शिक्षण संस्थानों से मैट्रिक व इंटर उत्तीर्ण करने वाले छात्र-छात्राओं को इस योजना का लाभ देने का प्रावधान है. इस योजना के तहत हर संकाय के साथ, इंजीनियरिंग, मेडिकल, सीए, एमबीए, बीसीए, पत्रकारिता सहित लगभग सभी उच्च शिक्षण के लिए शिक्षा ऋण ली जा सकती है. बता दे की 18 सितंबर 2022 तक बिहार में 189584 छात्रों को 3058 करोड़ रुपये स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के माध्यम से दिए जा चुके हैं.