पटना. राजद नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने ईडी रेड को लेकर बड़ा खुलासा किया है. दिल्ली से पटना पहुंचे तेजस्वी यादव ने पत्रकारों से बात करते हुए छापेमारी की पूरी कहानी शेयर की. उन्होंने कहा कि जब सीबीआई और ईडी वाले मेरे घर पहुंचे, तो उनकी तलाशी का काम आधे घंटे में ही खत्म हो गया. उसके बाद भी वे लोग बैठे रहे. हम लोगों ने उनसे पूछा कि भाई काम खत्म हो गया है तो जाइये. लेकिन वे बिना कुछ बोले बैठे रहे. थोड़ी देर बाद पता चला कि उन्हें ऊपर से आदेश था कि वहीं बैठे रहना है, ताकि मीडिया में लगातार खबर चलती रहे. लोगों को लगे कि बड़ी छानबीन हो रही है. तब हमलोगों ने छापेमारी करने आये अधिकारियों की जमकर खातिरदारी की. उन लोगों के लिए चाय-नाश्ता और खाने की व्यवस्था की. तेजस्वी यादव ने कहा कि घर आये ईडी के अधिकारियों के स्वागत में उन्होंने कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी.
दिल्ली दौरे से पटना लौटने के बाद तेजस्वी यादव सदन की कार्यवाही में शामिल होने के लिए विधानसभा पहुंचे. हालांकि विधानसभा पहुंचने के बाद सदन में जाने से पहले वो सीधा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चेंबर में गये. तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात कर ईडी की छापेमारी से जुड़ी जानकारी उन्हें दी और बताया कि दिल्ली में उनके आवास में क्या-क्या हुआ. इस दौरान सीएम नीतीश के चैम्बर में पहले से कई जदयू के नेता और मंत्री मौजूद थे. तेजस्वी यादव सीएम के पास बैठ और पूरे मामले पर नीतीश से बात की. मंत्री संजय झा की मौजूदगी में तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री को मोबाइल पर कुछ दिखाया. इसके बाद मुख्यमंत्री अपने चैंबर से बाहर निकल गये और सदन की कार्यवाही में शामिल हुए, हालांकि तेजस्वी यादव काफी देर तक नीतीश कुमार के चैंबर में ही बैठे रहे और वहां मौजूद मंत्रियों से बात करते रहे.
तेजस्वी यादव ने मंत्रियों से कहा कि सिर्फ मेरे यहां नहीं बल्कि मेरी बहनों के यहां छापेमारी की गयी. मेरी चार बहनों के यहां रेड डाला गया. मेरी कई बहन राजनीति में है भी नहीं उनके यहां भी छापा पड़ा. जिन बहनों के यहां छापा पडा उनकी शादी भी 2012 के बाद हुई है. मेरी बहनें अच्छे घर में ब्याही हैं. उनकी सास, ननद तक का पहना हुआ गहना सीज कर लिया गया और फोटो खींच कर डाल दिया गया कि इतना गहना बरामद हुआ. तेजस्वी यादव ने कहा कि ये भाजपाई राजनीतिक साजिश और फर्जी मुकदमा कर रहे हैं. जिस दिन सरकार बनी थी उस दिन मैंने कहा था कि ऐसी कोशिश होगी. पूर्णिया की रैली में जिस तरह से जनसमूह आया, उससे इन लोगों को डर लगा. ये लोग जानते हैं कि 2024 की असली लड़ाई में ये लोग कहीं टिकने वाले नहीं हैं. तभी झूठे मुकदमे और फर्जी छापेमारी का सहारा ले रहे हैं.