संसद की एक समिति ने वंदे भारत ट्रेनों के उत्पादन की रफ्तार पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि वर्ष 2023 के लिये 35 रेक तैयार करने के लक्ष्य की तुलना में केवल आठ रेक का निर्माण किया जा सका है. भारतीय जनता पार्टी के सांसद राधा मोहन सिंह की अध्यक्षता वाली रेल मंत्रालय संबंधी संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट में यह बात कही गई है. यह रिपोर्ट संसद के दोनों सदनों में सोमवार को पेश की गई.
अगले तीन साल में देशभर में दौड़ेंगी 400 वंदे भारत ट्रेन
वर्ष 2022-23 के बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने 400 वंदे भारत ट्रेनों की घोषणा की थी. समिति ने पाया कि 17 फरवरी 2023 की स्थिति के अनुसार, भारतीय रेलवे ने वंदे भारत एक्सप्रेस नामक 10 जोड़ी प्रमुख ट्रेनों को चालू किया है. समिति ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि रेलवे उत्पादन इकाइयों के भीतर चरणबद्ध तरीके से 400 वंदे भारत रेक के निर्माण की योजना बनाई गई. अर्थात मराठवाड़ा रेल कोच फैक्टरी में 120 रेक, चेन्नई फैक्टरी में 80 रेक, सोनीपत फैक्टरी में 100 रेक और मार्डन कोच फैक्टरी रायबरेली में 100 रेक बनाये जायेंगे.
2023 में तैयार होना है 35 रेक, अबतक तैयार हुए केवल 8
रिपोर्ट के अनुसार, समिति इस बात पर अप्रसन्नता व्यक्त करती है कि वर्ष 2023 के लिये 35 रेक तैयार करने के लक्ष्य की तुलना में केवल आठ रेक का निर्माण किया जा सका है. समिति का मानना है कि उत्पादन की इस गति से रेलवे अपने निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाएगा. इसमें कहा गया है कि समिति मंत्रालय को यह सुझाव देना चाहती है कि रेल यात्रियों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए वंदे भारत कोच/रेक तैयार करने के अपने प्रयासों को तेज करे.
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