Prayagraj: प्रयागराज के चर्चित उमेश पाल हत्याकांड में नामजद अतीक अहमद परिवार से जुड़े दो मामलों में बुधवार को सुनवाई होगी. अतीक के भाई अशरफ अहमद उर्फ खालिद अजीम ने प्रयागराज में सीजीएम कोर्ट के समक्ष अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर अर्जी दाखिल की है, जिसमें उसकी न्यायिक प्रक्रिया को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पूरा करने की अपील की है, कोर्ट इस मामले में बुधवार को सुनवाई करेगा. इसके साथ ही जिला न्यायालय में शाइस्ता परवीन के मामले में भी बुधवार को सुनवाई होगी. शाइस्ता परवीन ने अपने दो नाबालिग बेटों को लेकर जानकारी मांगी है.
अशरफ अहमद उर्फ खालिद अजीम ने जिला न्यायालय में याचिका पेश कर अनुरोध किया है कि उमेश पाल हत्याकांड में उसकी न्यायिक अभिरक्षा जरूरी हो तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रकिया पूरी की जाए. अशरफ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रिमांड के आदेश की प्रमाणित प्रतिलिपि भी याचिका के साथ अपने समर्थन में पेश की.
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार गौतम के समक्ष अशरफ के अधिवक्ता विजय मिश्रा ने कहा कि याचिकाकर्ता उमेश पाल अपहरण कांड में इलाहाबाद की विशेष अदालत एमपीएमएलए के आदेशानुसार न्यायिक अभिरक्षा में बरेली जिला जेल में बंद है. इसलिए संविधान में उसे मिली देश में घूमने फिरने की आजादी पर रोक लगी हुई है. ऐसी स्थिति में न तो वह फरार हो सकता है और ना ही गिरफ्तारी से अपने आप को बचा सकता है.
अशरफ के मुताबिक उसे खबरों के जरिए 24 फरवरी को उमेश पाल हत्याकांड की जानकारी हुई है. उसे भी इस मामले में नामित किया गया है. पुलिस उसे इस मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद न्यायिक अभिरक्षा में लेने की प्रक्रिया में तेजी से लगी है. कानून के मुताबिक वह बाहर नहीं जा सकता, इसलिए विवेचक से उसकी गिरफ्तारी-न्यायिक अभिरक्षा के संबंध में आख्या तलब की जाए. न्यायिक अभिरक्षा जरूरी होने पर वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए न्यायिक कार्यवाही को पूरा किया जाए. इस पर सीजीएम कोर्ट धूमनगंज पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर अपना फैसला सुनाएगी.
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इसके साथ ही जिला न्यायालय में शाइस्ता परवीन ने अपने दो नाबालिग बेटों को लेकर जानकारी मांगी है. धूमनगंज पुलिस ने कोट में दाखिल अपनी रिपोर्ट में कहा है कि शाइस्ता परवीन उमेश पाल हत्याकांड मामले में 25000 की पुरस्कार घोषित अभियुक्त है. वह माफिया परिवार की है ऐसी दशा में उसकी भी दुश्मनी होने से इनकार नहीं किया जा सकता है. इस प्रकरण में शाइस्ता परवीन की ओर से दाखिल अर्जी के संबंध में लिखित रिपोर्ट गोपनीय रखते हुए बंद लिफाफे में प्रस्तुत की जा रही है.
धूमनगंज पुलिस ने शाइस्ता परवीन के दोनों नाबालिग बेटों के बाल संरक्षण गृह में दाखिल कराए जाने की बात कही. इस पर शाइस्ता के अधिवक्ता विजय मिश्र ने पुलिस रिपोर्ट पर आपत्ति जताई. उन्होंने शाइस्ता के दोनों बेटों को दाखिल कराए जाने वाले बाल संरक्षण गृह का नाम पूछा है. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार गौतम ने इस मामले में बुधवार को सुनवाई करेंगे.