Devendra Fadnavis: पुरानी पेंशन योजना की मांग को लेकर महाराष्ट्र में करीबन 18 लाख सरकारी कर्मचारी इस समय अनिश्चितकाल काल तक के लिए हड़ताल पर हैं. सरकारी स्कूलों और कॉलेजों के टीचर्स समेत करीबन 18 लाख से ज्यादा राज्य सरकार के कर्मचारी इस हड़ताल में हिस्सा ले रहे हैं.बता दें हड़ताल पर जाने से पहले सरकार और इन कर्मचारी यूनियन की एक बैठक भी हुई थी. लेकिन इस बैठक का कोई नतीजा नहीं निकल सका था. कर्मचारियों की तरफ से किये गए इस हड़ताल पर आज महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का एक बयान भी सामने आया है. अपने इस बयान में उन्होंने मुद्दे पर बात करते हुए कहा है कि- चर्चा से ही इस मुद्दे का समाधान हो सकता है, कल सीएम एकनाथ शिंदे ने 3 सदस्यीय समिति को 3 महीने के भीतर सिफारिशें रिपोर्ट प्रस्तुत करने की घोषणा की हैं और हमें उम्मीद हैं कि यह हमें एक दीर्घकालिक समाधान देगा.
सरकारी कर्मचारियों द्वारा किये गए इस हड़ताल की गंभीरता को देखते हुए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि- हम इस बात से भी सहमत हैं कि कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन और सामाजिक सुरक्षा मिलनी चाहिए. मैं यूनियनों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने अपनी हड़ताल वापस ले ली और फिर से दूसरों से ऐसा करने का अनुरोध करता हूं. सरकार इन कर्मचारियों के पीछे दृढ़ है और उनकी मांगों के लिए प्रतिबद्ध है.
जानकारी के लिए बता दें पुरानी पेंशन योजना को लेकर सरकार का मानना है कि अगर अन्य राज्यों की तरह महाराष्ट्र में भी पुरानी पेंशन योजना को वापस लाया जाता है तो इसे ज्यादा से ज्यादा साल 2030 तक की लागू रखा जाएगा. मामले की जानकारी देते हुए सरकार ने बताया कि- कि मौजूदा आमदनी में से 56 प्रतिशत की उसकी आर्थिक जिम्मेदारी है और अगर कोई नई भर्ती नहीं भी की जाती है तो भी आर्थिक जिम्मेदारी बढ़कर 83 फीसदी हो जाएगी, इसलिए पुरानी पेंशन योजना के संबंध में फैसला जल्दबाजी में नहीं होना चाहिए.