पटना. बिहार विधानसभा में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच चल रहा गतिरोध खत्म हो गया है. दोपहर दो बजे जब सदन की कार्यवाही भोजनावकाश के बाद शुरू हुई तो सभा अध्यक्ष अवधबिहारी चौधरी ने सदन को इस बात की जानकारी दी. राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात के बाद भाजपा के सदस्य सदन में लौट आये हैं. इधर, भाजपा विधायक लखेंद्र रौशन ने पूरी घटना पर खेद प्रकट किया है. भाजपा विधायक के खेद जता देने के बाद सभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने उनका निलंबन भी खत्म कर दिया है.
इससे पूर्व बिहार में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच चल रही गतिरोध को खत्म कराने की पहल सरकार की ओर से भी की गयी. वहीं भाजपा सरकार के खिलाफ राज्यपाल से शिकायत करने राजभवन पहुंची. इससे पूर्व संसदीय कार्यमंत्री की अपील पर विधानसभा स्पीकर अवध बिहारी चौधरी ने कांग्रेस विधायक दल के नेता अजित शर्मा को बीच बचाव करने की जिम्मेवारी सौंपी थी. बताया जाता है कि भाजपा विधायक लखिन्द्र कुमार और माले विधायक सत्यदेव राम से सदन में माफ़ी मंगवाने पर सहमति बनती दिख रही है. स्पीकर की ओर से भी कहा जा रहा है कि दोनों विधायक अगर सदन में खेद जताते हैं, तो सदन की कार्यवाही बेहतर तरीके से चलेगी.
वहीं, स्पीकर के विधायक को निलंबन किय़े जाने के खिलाफ भाजपा विधायकों ने विधानसभा के बाहर धरना दिया. इस बीच, लालू-राबड़ी को जमानत मिलने के बाद राजद द्वारा बांटी जा रही लड्डडू को भी लेने से भाजपा विधायकों ने मना कर दिया था, जिसके बाद भाजपा और राजद विधायकों के बीच नोंकझोक हुई थी. इसके बाद भाजपा विधायक राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे हैं. उन्होंने स्पीकर पर एकतरफा कार्रवाई करने की शिकायत की है और विपक्ष की आवाज को दबाने का आरोप लगाया है.
बिहार विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान माइक तोड़ने के जुर्म में भाजपा विधायक लखेन्द्र पासवान को दो दिनों के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया है. मंगलवार को समाज कल्याण विभाग से जुड़े एक सवाल के दौरान भाजपा विधायक लखेन्द्र कुमार रौशन ने माइक तोड़ दी थी. इस दौरान सत्ता पक्ष व विपक्षी विधायकों के बीच भारी नोक झोंक हुई थी. भाजपा कल से मांग कर रही थी कि लखेंद्र रौशन की निलंबन कार्रवाई सही नहीं है, इसे वापस लिया जाये.