kharmas 2023: सूर्य जब धनु तथा मीन राशि में गोचर करते है, तो इस समय खरमास मनाया जाता है. इस समय सूर्य का अशुभ गोचर होता है, जिसके कारण खरमास मनाया जाता है. हिन्दू धर्म में कोई भी शुभ कार्य किया जाता है, तो शुभ मुहूर्त को देखा जाता है. कोई भी शुभ कार्य करने के पहले शुभ मुहूर्त को देखना जरुरी होता है. चाहे नया घर बनना हो या विवाह करना हो. नये व्यापार धार्मिक अनुष्ठान पर रोक लग जाती है. सभी शुभ कार्य रुक जाती है. खरमास को कही- कही मलमास भी कहते है. ज्योतिषशास्त्र के अनुसार जब भी सूर्य की राशि में गुरु या फिर गुरु की राशि में भगवान भास्कर यानि सूर्यदेव आते है, इस समय को गुर्वादित्त्य कहा जाता है. इस दौरान सभी शुभ कार्य बंद कर दिए जाते है.
खरमास के दिनों में गुरु का प्रभाव काम हो जाता है. गुरु अगर ठीक नहीं हो शुभ कार्य करने में ठीक नहीं होता है. अगर भूल से भी इस अवधि में कोई शुभ काम की शुरुआत कर देते है. वह काम पूरा नहीं होगा. अधुरा रह जाता है या उसमे कोई लेकिन लग जायेगा. शुभ कार्य करने के समय शुक्र तथा गुरु का दोनों का उदय होना जरुरी रहता है. दोनों में एक भी अस्त रहेगा तो मांगलिक कार्य वर्जित रहता है. सूर्य के कमजोर होने के कारण कई तरह के बीमारी से परेशानी बढ़ जाता है. मन में चंचलता बढ़ जाता है.
खरमास का शुरुआत हो जाये उस दिन से भगवान सूर्य तथा विष्णु का पूजन करने से सभी पाप दूर हो जाते है. शुभ उठ कर स्नान करके सूर्य भगवान का तांबे के लोटे में जल लेकर जल में लाल फूल डालकर साथ में लाल चन्दन डालकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें. इस समय जितना संभव हो दान करें.
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मलमास का शुरुआत 15 मार्च 2023 से शुरु होकर 14 अप्रैल 2023 तक रहेगा
इस अवधि में क्या नहीं करे
नया व्यापार नहीं करें, कर्णवेध नहीं करें, मुंडन संस्कार नहीं करें, नये मकान का काम शुरुआत नहीं करें. इस दौरान कोई भी मंगल कार्य नहीं करें .
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
मो. 8080426594/9545290847