पटना. बिहार विधान परिषद में बुधवार को कांग्रेस के प्रेमचंद मिश्रा ने बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में सामानय कोटि के आवेदकों की अधिकतम उम्र सीमा 37 से बढ़ा कर 40 किये जाने की मांग रखी. सामान्य प्रशासन विभाग के प्रभारी मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने प्रेम चंद मिश्रा के इस ध्यानाकर्षण पर कहा कि बीपीएससी में अधिकतम उम्र सीमा 37 से बढ़ाकर 40 वर्ष करने को सरकार की ओर से दिखवा लिया जायेगा.
प्रेमचंद्र मिश्रा ने अपनी सूचना में कहा था कि 14 अगस्त, 2022 को छात्रों ने सरकार से मिलकर एक ज्ञापन सौंपा था. उसमें मांग किया गया था कि बीपीएससी में अधिकतम उम्र सीमा 37 वर्ष से बढ़ाकर 40 वर्ष किया जाए. इस पर सरकार ने आश्वासन दिया था कि इनकी मांग व्यावहारिक और जायज है एवं इनकी मांग को जल्द से जल्द पूरा करने का प्रयास किया जाए. लेकिन, अभी तक इस पर कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया है.
प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि अन्य राज्यों में जैसे उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश में अधिकतम उम्र सीमा 40 वर्ष है. उत्तराखंड लोक सेवा आयोग में अधिकतम उम्र सीमा 42 वर्ष है. बिहार के जेपी यूनिवर्सिटी से लेकर मगध यूनिवर्सिटी का सत्र हमेशा बिलंब से समाप्त होता है. कोविड 19 काल में अन्य राज्यों में अधिकतम उम्र सीमा में भी तीन वर्षों की छूट दी गई है.
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इस संबंध में सरकार की ओर से दिये गये लिखित वक्तव्य में बताया गया कि राज्य सरकार की सेवाओं, संवर्गों, पदों में सीधी भर्ती के लिए निर्धारित अधिकतम आयु सीमा विभिन्न कोटि के अभ्यर्थियों के लिए 37 वर्ष से 42 वर्ष तक है. सीधी भर्ती के लिए कोटिवार अधिकतम आयु सीमा अनारक्षित वर्ग (पुरुष) के लिए 37 वर्ष, पिछड़ा वर्ग एवं अत्यन्त पिछड़ा वर्ग (पुरूष एवं महिला) के लिए 40 वर्ष, अनारक्षित वर्ग (महिला) के लिए 40 वर्ष, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति (पुरूष एवं महिला) के लिए 42 वर्ष है. इससे स्पष्ट है कि राज्य के अनारक्षित वर्ग की महिलाओं के लिए 40 वर्ष और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (पुरुष एवं महिला) के लिए निर्धारित अधिकतम आयु 42 वर्ष पूर्व से ही निर्धारित है.