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यूपी डीजीपी को लेकर तलाश हुई पूरी! सीएम योगी आदित्यनाथ की पसंद के इस नाम पर लगेगी मुहर, जानें कौन हैं रेस में

नए डीजीपी को लेकर 1988 बैच के पांच आईपीएस अफसर रेस में बताए जा रहे हैं. इनमें डीजी जेल आनंद कुमार, डीजी सीबीसीआईडी विजय कुमार का नाम रेस में आगे चल रहा है, वहीं अन्य नामों में डॉ. राजकुमार विश्वकर्मा, अनिल कुमार अग्रवाल की चर्चा है. इनमें से किसी को यूपी पुलिस का नया मुखिया बनाया जा सकता है.

Lucknow: प्रदेश में स्थाई पुलिस महानिदेशक की नियुक्ति को लेकर एक बार फिर कवायद तेज हो गई है. वर्तमान में कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक डीएस चौहान का कार्यकाल 31 मार्च 2023 को समाप्‍त हो रहा है. इससे पहले स्थायी डीजीपी के तौर पर नियुक्ति होने पर उनका सेवाविस्तार हो सकता है. वहीं अगर ऐसा नहीं होता है, तो यूपी पुलिस को उसका नया मुखिया मिलेगा. इसमें कई नाम रेस में हैं.

नए डीजीपी को लेकर 1988 बैच के पांच आईपीएस अफसर रेस में बताए जा रहे हैं. इनमें डीजी जेल आनंद कुमार, डीजी सीबीसीआईडी विजय कुमार का नाम रेस में आगे चल रहा है, वहीं अन्य नामों में डॉ. राजकुमार विश्वकर्मा, अनिल कुमार अग्रवाल की चर्चा है.

योगी सरकार ने मई 2022 में मुकुल गोयल को हटाकर डीएस चौहान को यूपी पुलिस के कार्यवाहक मुखिया की जिम्मेदारी सौंपी थी. उनके पास डीजी इंटेलिजेंस और निदेशक विजिलेंस का प्रभार पहले से था. तब से वह तीनों पदों का प्रभार संभाल रहे हैं. अब उनके इस माह रिटायर्ड होने पर इन तीनों पदों पर सभी की निगाहें लगी हुई हैं.

प्रदेश सरकार प्रक्रिया के मुताबिक स्थाई डीजीपी की नियुक्ति के लिए नई दिल्ली में संघ लोक सेवा आयोग को प्रदेश के वरिष्ठतम आईपीएस अफसरों का पैनल भेजेगी. इसके बाद आयोग से भेजे जाने वाले तीन नामों में से राज्य सरकार किसी एक को स्थाई डीजीपी नियुक्त किया जा सकता है.

वर्तमान में प्रदेश में वरिष्ठ आईपीएस अफसरों की बात करें तो डीजीपी पद से हटाए जाने के बाद डीजी नागरिक सुरक्षा के पद पर कार्यरत मुकुल गोयल 1987 बैच के आईपीएस अफसर हैं. उनका कार्यकाल 2024 तक है. उनको दोबारा जिम्मेदारी मिलने की संभावना नहीं है. इसलिए 1988 बैच के किसी अफसर को ही डीजीपी पद की कमान सौंपी जा सकती है. इनमें अनिल कुमार अग्रवाल अप्रैल और विजय कुमार विश्वकर्मा आगामी मई माह में रिटायर्ड होने वाले हैं.

ऐसे में आनंद कुमार और विजय कुमार इस रेस में सबसे आगे बताए जा रहे हैं, क्योंकि इन्हें जिम्मा सौंपे जाने के बाद नए डीजीपी की तलाश बहुत जल्द नहीं करनी पड़ेगी. वहीं आनंद कुमार की छवि को देखते हुए उनका नाम सबसे आगे बताया जा रहा है. डीजी जेल के तौर पर उन्होंने कई अहम कार्य किए हैं. दोषी पाए जाने पर जिम्मेदार अफसरों पर सख्ती कार्रवाई से भी वह पीछे नहीं रहे हैं. पुलिस कप्तान के तौर पर उनके नाम कई एनकाउंटर भी हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उनकी कार्यशैली से प्रभावित बताए जाते हैं. इसके अलावा 1988 बैच के ही आईपीएस अधिकारी विजय कुमार भी इस रेस में हैं.

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