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रावण के साथ हुआ अन्याय… जीतन राम ने दशानन को बताया बड़ा कर्मकांडी, राम के लिए कहे ये शब्द

जीतन राम मांझी ने शुक्रवार को एक ओर जहां राम को काल्पनिक पात्र बताया वही, रावण के संबंध में कहा कि लंकापति के साथ अन्याय हुआ है. लगातार विवादों में रहने वाले मांझी एक ओर रामायण को खारिज करते हैं तो दूसरी ओर रावण को सबसे बड़ा कर्मकांडी बता रहे हैं.

पटना. बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने नया विवाद छेड़ा है. जीतन राम मांझी ने शुक्रवार को एक ओर जहां राम को काल्पनिक पात्र बताया वही, रावण के संबंध में कहा कि लंकापति के साथ अन्याय हुआ है. लगातार विवादों में रहने वाले मांझी एक ओर रामायण को खारिज करते हैं तो दूसरी ओर रावण को सबसे बड़ा कर्मकांडी बता रहे हैं. माझी कहते हैं कि राम से ज्यादा बड़ा चरित्र रावण का था. राम कभी गुरबत (मुसीबत) में होते थे, तो उनके लिए कुछ अलौकिक सेवाएं आती थीं. रावण के लिए कुछ नहीं आता था. इसलिए रावण ज्यादा बड़े थे.

राम और रावण दोनों काल्पनिक

जीतन राम मांझी पिछले कुछ दिनों से लगातार कह रहे हैं कि राम काल्पनिक थे. आज फिर उन्होंने कहा कि वे अभी भी मानते हैं कि राम और रावण दोनों काल्पनिक थे, लेकिन कल्पना के आधार पर ही जो कहानी कही गयी है, उसके मुताबिक मैं रावण को राम से बड़ा मानता हूं. रावण ज्यादा बड़े कर्मकांडी थे. जीतन राम मांझी का ये बयान नये विवाद को खड़ा कर सकता है.

राहुल सांकृत्यायन ने कहा था कि राम काल्पनिक

मांझी ने कहा कि हम वास्विकता की बात कह रहे हैं. इसलिए राम को काल्पनिक बता रहे हैं. राहुल सांकृत्यायन ने कहा था कि राम काल्पनिक हैं. लोकमान्य तिलक ने कहा था कि राम काल्पनिक हैं. डिस्कवरी ऑफ इंडिया में कहा गया था कि राम काल्पनिक हैं. राम को काल्पनिक कहने वाले वे लोग ब्राह्मण थे, तो कोई बात नहीं लेकिन हम कह दिये तो गुनाह हो गया.

रामचरित मानस में बहुत अच्छी किताब

जीतन राम मांझी ने कहा कि तुलसीदास की रामचरित मानस में बहुत सी ऐसी बात हैं, जो गलत है. हालांकि रामचरित मानस में बहुत अच्छी किताब है. उसमें बहुत अच्छी बातें भी लिखी गयी हैं. लेकिन, अंबेडकर ने भी कहा था, लोहिया ने भी कहा था कि उसमें जो कचरा है, उसे हटा देना चाहिये. वैसे रामायण तो वाल्मिकी ने लिखा था. वाल्मिकी की पूजा क्यों नहीं लोग करते हैं, क्यों तुलसी की पूजा करते हैं. मनुवादी व्यवस्था वाले लोगों ने ऐसा किया है.

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