बिहार में मद्यनिषेध,उत्पाद एवं निबंधन मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि शराबबंदी का कानून सख्ती से लागू करने के लिए पुलिस और मद्यनिषेध,उत्पाद एवं निबंधन विभाग मुस्तैद है. विभाग ने एक तरफ जहां अच्छा काम करने वाले अधिकारियों को पुरस्कृत कर रहा है, तो वहीं लापरवाही या भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारी बर्खास्त भी किये जा रहे हैं. किसी एक विभाग में देश में सर्वाधिक 291 बर्खास्तगी मद्यनिषेध एवं निबंधन विभाग में की गयी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश के अनुसार शराब तस्करों को गिरफ्तार किया जा रहा है. दूसरे राज्यों से करीब 10 हजार से अधिक लोग शराबबंदी कानून के तहत पकड़ कर लाये गये और इनमें से 100 को सजा भी मिली है.राज्य के शराबबंदी जानने और समझने दूसरे राज्यों के अधिकारी भी आ रहे हैं.पिछले दिनों छत्तीसगढ़ से टीम आयी थी.
इससे पहले राजस्थान,कर्नाटक से अधिकारियों की टीम आयी थी. वे लोग भी बिहार के शराबबंदी कानून से प्रभावित होकर अपने राज्यों में शराबबंदी करने की सोच रहे हैं. शुक्रवार को मंत्री विधानसभा में विभाग के बजट पर सरकार का पक्ष रख रहे थे. उन्होंने कहा शराबबंदी कानून को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए नवंबर 2023 में पटना में फुल मैराथन आयोजित करने की योजना है.मंत्री ने सदन में भाजपा को घेरा और कहा कि जहरीली शराब पीने से बिहार की तुलना में भाजपा शासित राज्यों में अधिक मौतें हुई हैं. कर्नाटक में 1013 और मध्य प्रदेश में 1322 मौतें हुई है. जहरीली शराब से होने वाली मौत का शराबबंदी से कुछ लेना-देना नहीं है.मंत्री ने कहा कि राज्य के 1.84 करोड़ लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया है. घरेलू हिंसा में कमी आयी है. शराब कारोबारी के विरुद्ध में विभाग के कॉल सेंटर में प्रतिदिन 300 कॉल आ रहे हैं.
मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि निबंधन विभाग ने दस्तावेजों का डिजिटलाइजेशन करना शुरू कर दिया है. विभाग के पास 1798 के बाद के दस्तावेज उपलब्ध हैं. 1938 के राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के हस्तारक्षयुक्त दस्तावेज भी विभाग के पास उपलब्ध है. उन्होंने कहा निबंधन विभाग चालू वित्तीय वर्ष के लक्ष्य की तुलना में 16 मार्च तक लक्ष्य के तुलना में 110% राजस्व संग्रह किया है.वर्ष 2020-21 में कुल संग्रह लक्ष्य का 104% हुआ था. इस वर्ष 5500 करोड़ राजस्व संग्रह का लक्ष्य है,16 मार्च तक 6059 करोड़ संग्रह हो चुका है और संभावना है कि मार्च अंत तक 6200 करोड़ हो जायेगा.