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Chaitra Navratri 2023 Date: कब है चैत्र नवरात्रि, 21 या 22 मार्च? जानें शुभ मुहूर्त, कलश स्थापना विधि और महत्व

Chaitra Navratri 2023 Date: हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है. इस बार चैत्र नवरात्रि कब से शुरू हो रही है. चैत्र नवरात्रि 2023, 21 मार्च या 22 मार्च, आइए जानते हैं कब है चैत्र नवरात्रि, शुभ मुहूर्त, कलश स्थापना कब है. कलश स्थापना शुभ मुहूर्त, और महत्व.

Chaitra Navratri 2023 Date: सनातन धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है. हमारे देश में साल में चार बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. इनमें दो महत्वपूर्ण है ,जिसमें चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि शामिल है. इस बार चैत्र नवरात्रि कब से शुरू हो रही है. चैत्र नवरात्रि 2023, 21 मार्च या 22 मार्च से आरंभ हो रही है. आइए जानते हैं कब है चैत्र नवरात्रि, शुभ मुहूर्त, कलश स्थापना कब है. कलश स्थापना शुभ मुहूर्त, और महत्व.

कब है चैत्र नवरात्रि 2023 (Kab Hai Chaitra Navratri)

हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का खास महत्व है. शारदीय नवरात्रि के बाद चैत्र नवरात्रि का त्योहार सनातन धर्म में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस बार लोग चैत्र नवरात्रि की तारीख को लेकर उलझे हुए हैं. पंडित जितेंद्र शास्त्री के अनुसार चैत्र नवरात्रि 2023 में 22 मार्च से आरंभ हो रही है, और समापन 30 मार्च 2023 को है.

चैत्र नवरात्रि शुभ मुहूर्त 2023 (Chaitra Navratri Shubh Muhurat)

हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र नवरात्रि, पूरे 9 दिन मां देवी को समर्पित है. साल 2023 में चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ 22 मार्च से हो रही है और 30 मार्च तक है. पंडित जितेंद्र शास्त्री के अनुसार नवरात्रि का पहला दिन बेहद खास होता है. घटस्थापना यानी कलश का खास महत्व होता है. अगर शुभ मुहूर्त की बात करें तो चैत्र नवरात्रि शुभ मुहूर्त 22 मार्च 2023 दिन बुधवार से सुबह 6 बजकर 30 मिनट से शुरू है और उसी दिन सुबह 7 बजकर 32 तक है.

चैत्र नवरात्रि कलश स्थापना विधि

हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि मां देवी को पूरी तरह से समर्पित होते हैं. नवरात्रि के पहले ही दिन घटस्थापना यानी कलश स्थापना की जाती है. यह दिन बेहद खास होता है. पंडित जितेंद्र शास्त्री के अनुसार कलश स्थापना शुरू करने से पहले सूर्य के उदय होने से पहले उठे और मां धरती का आशीर्वाद लेते हुए, नहा धोकर साफ कपड़ा पहने. इसके बाद जिस जगह पर कलश को स्थापित करना है उस स्थान को साफ कर लें और लाल रंग का कपड़ा बिछाकर मां देवी की प्रतिमा स्थापित करें.

कपड़े पर थोड़े चावल रख ले. एक छोटी सी मिट्टी के पात्र में जौ रख दें. उस पात्र पर जल से भरा हुआ कलश स्थापित करें. कलश पर स्वास्तिक बना लें और उसमें अक्षत, सिक्का, साबुत सुपारी डालकर पान के पत्ते रखें. एक नारियल ले उस पर चुनरी से लपेट लें और कलश से बांधे. कलश के ऊपर उस नारियल को रख ले और मां माता रानी का आह्वान करें. इसके बाद दीपक, सिंदूर, अक्षत, दही, फूल, फल आदि का आह्वान करते हुए कलश की पूजा करें. ज्ञात हो नवरात्रि के पूरे दिन मां देवी की पूजा तांबा या पीतल की कलश से करें.

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कलश स्थापना मुहूर्त

चैत्र नवरात्रि में घटस्थापना यानी कलश स्थापना का खास महत्व है. चैत्र नवरात्रि में कलश स्थापना की शुभ मुहूर्त की शुरुआत 22 मार्च को ही सुबह में 6 बजे से और 7 बजे तक है. इसी अंतराल में कलश को स्थापित करना शुभ रहेगा.

चैत्र नवरात्रि महत्व

हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व है, क्योंकि चैत्र नवरात्रि के समय पूजा करने से लोग मानसिक रूप से मजबूत होते हैं. और उन लोगों की अध्यात्मिक इच्छाएं पूरी होती है. कहते हैं कि मार्च अप्रैल के महीने में मनाई जाने वाली चैत्र नवरात्रि के दिन जो व्यक्ति मां दुर्गा की सच्चे मन से पूजा आराधना करता है उसे मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. इसलिए चैत्र नवरात्रि का खास महत्व है.

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