राज्य में एक बार फिर प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (पीएम पोषण योजना) अर्थात् मिड डे मील में भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने के बाद केंद्रीय टीम इसकी जांच करेगी. बताया गया है कि यह टीम राज्य के पांच जिलों में स्कूलों का दौरा करेगी. भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा विभाग, पश्चिम बंगाल के सीनियर ऑडिट ऑफिसर अरिजीत मजूमदार के नेतृत्व में छह सदस्यीय टीम का गठन किया गया है, जो जिलों का दौरा कर इसकी जांच करेगी.
बताया गया है कि इस टीम में मिथिलेष कुमार, गहना टुडु, मनीष कुमार सिन्हा, विक्टर कराती व अभिषेक प्रजापति शामिल हैं. राज्य सचिवालय सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से इस बाबत राज्य सरकार को पत्र दिया गया है. बताया गया है कि यह टीम उत्तर 24 परगना से जांच की शुरुआत करेगी और इसके बाद अन्य जिलों का भी दौरा करेगी.
उल्लेखनीय है कि इसके पहले जनवरी महीने में भी सेंट्रल टीम बंगाल आई थी और विभिन्न स्कूलों का दौरा किया था तब आरोप लगे थे कि केवल राज्य सरकार के बताए स्कूलों में ही जाकर अवलोकन किया गया था.इस संबंध में तृणमूल सांसद शांतनु सेन ने कहा कि राज्य सरकार का केंद्र सरकर पर एक लाख 18 हजार करोड़ रुपये बकाया है. केंद्र सरकार इसका भुगतान करने की बताय यहां जांच टीम भेज रही है.
इससे पहले भी यहां टीम आई थी, लेकिन कोई भ्रष्टाचार नहीं मिला और जितनी बार टीम आएगी उसका जवाब बंगाल के लोग देंगे.वहीं, नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि केंद्रीय टीम को राज्य सरकार के अधिकारियों के निर्देश पर नहीं बल्कि औचक किसी भी स्कूल का दौरा करना चाहिए.
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार एक्ट (मनरेगा) के तहत 100 दिनों की रोजगार योजना के माध्यम से हुए कार्यों की जांच के लिए एक बार फिर केंद्रीय टीम पश्चिम बंगाल पहुंची है. बताया गया है कि इसे लेकर केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव अमित शुक्ला ने राज्य के ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव पी उल्गानाथन को पत्र देकर केंद्रीय टीम को जांच में हर प्रकार की सहायता करने का आदेश दिया है.