बिहार में एससी-एसटी एक्ट के 48,236 कांड थानों में लंबित हैं. इनमें 865 कांंडों का निबटारा स्पीडी ट्रायल के माध्यम से कराया जा रहा है. अभियोजन निदेशालय ने इन लंबित मामलों में तेजी लाने का निर्देश दिया है. अभियोजन निदेशक की अध्यक्षता में विशेष लोक अभियोजकों के काम की हुई समीक्षा बैठक में बताया गया कि जनवरी में 18 कांडों में सजा सुनायी गयी है, जबकि 116 कांडों में रिहाई हुई है.
बैठक में विशेष लोक अभियोजकों ने बताया कि नालंदा, भागलपुर, दरभंगा और आरा में विशेष न्यायालय रिक्त होने से प्रभारी न्यायालय द्वारा सिर्फ जमानत आवेदन पर सुनवाई की जा रही है. इसके कारण वाद का निष्पादन नहीं हो पा रहा है. इसी तरह नवादा, सासाराम, मोतिहारी और बक्सर जिले में सजा की संख्या शून्य होने पर विशेष लोक अभियोजकों को कंटेस्टेड वादों में जल्द विचारण कराकर सजा दिलाने का प्रयास करने का निर्देश दिया गया. बैठक में प्रत्येक अभियोजक को हर माह कम से कम एक सामान्य और एक स्पीडी ट्रायल के कंटेस्टेड वाद का निष्पादन करने के निर्देश का अनुपालन करने का निर्देश दिया गया.
बैठक में एससी-एसटी से जुड़े मामलों की रिपोर्ट हमेशा अप टू डेट रखे जाने का निर्देश दिया गया. इसके लिए गृह विभाग के द्वारा विशेष आनलाइन पोर्टल भी तैयार किया गया है. लोक अभियोजकों को अपना प्रतिवेदन सीधे आनलाइन पोर्टल पर अपलोड करने को कहा गया. निर्देश दिया गया कि अगर वादी के द्वारा सुलह कर ली गयी है, तो इसकी सूचना अविलंब जिला पदाधिकारी एवं जिला कल्याण पदाधिकारी को उपलब्ध करा दी जाये. इसी तरह आरोप गठन या सजा होने पर निर्णय की प्रति अविलंब डीएम जिला कल्याण पदाधिकारी को उपलब्ध करायी जाये ताकि पीड़ित एवं उनके आश्रितों को ससमय भुगतान कराया जा सके.
सीआइडी कमजोर वर्ग के एएसपी मदन कुमार आनंद ने कहा कि यदि कोर्ट में सरकारी गवाह उपस्थित नहीं होता है, तो साक्षियों की सूची सीआइडी के अभियोजन शाखा को उपलब्ध करायी जाये ताकि गवाहों को ससमय उपस्थित कराया जा सके. विशेष लोक अभियोजकों के मानदेय बकाया रखने की शिकायत पर कहा गया कि इस संबंध में विधि विभाग से अनुरोध किया जायेगा.
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जिला – लंबित कांड
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मोतिहारी – 3400
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गया – 2739
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बेतिया – 2620
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सासाराम – 2340
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समस्तीपुर – 2282