पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. उन्हें एक के बाद एक झटका लग रहा है. तोशाखाना मामले में उनके भजीते बैरिस्टर हसन नियाजी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. जबकि उनकी पत्नी बुशरा बीबी को भी पूछताछ के लिए समन भेजा गया है. पाकिस्तान की एजेंसी बुशरा बीबी से 21 मार्च को पूछताछ करेगी.
इमरान खान के खिलाफ आतंकवाद का मामला दर्ज
पाकिस्तान की पुलिस ने इमरान खान और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के करीब एक दर्जन नेताओं पर तोड़फोड़, सुरक्षाकर्मियों पर हमला, पदच्युत प्रधानमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में सुनवाई के दौरान अदालत परिसर के बाहर हंगामा करने में शामिल होने के आरोप में आतंकवाद निरोधक कानून की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की.
इस्लामाबाद कोर्ट परिसर में पीटीआई कार्यकर्ता और पुलिस के बीच झड़प
तोशाखाना मामले में इमरान खान की पेशी हुई. उस दौरान इस्लामाबाद कोर्ट परिसर के बाहर उनके समर्थकों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प हुई थी. पीटीआई कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हुई झड़प के दौरान 25 सुरक्षाकर्मी घायल हो गए थे जिसके बाद अवर जिला व सत्र न्यायाधीश जफर इकबाल ने सुनवाई 30 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी. पुलिस के मुताबिक आगजनी, पत्थरबाजी और न्यायिक परिसर की इमारत को नुकसान पहुंचाने के आरोप में 18 लोगों को हिरासत में लिया गया.
इमरान खान के घर पर पुलिस की छापेमारी
गौरतलब है कि इमरान खान कोर्ट में पेशी के सिलसिले में इस्लामाबाद में थे, उसी दौरान पंजाब पुलिस के 10,000 से ज्यादा सशस्त्र पुलिसकर्मी उनके जमां पार्क स्थित मकान पर पहुंचे और पूर्व क्रिकेटर के दर्जनों समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने दावा किया कि उन्हें खान के मकान से हथियार और पेट्रोल बम मिले हैं. इधर इमरान ने उनके मकान पर छापा मारने और तलाशी अभियान के दौरान उनके पार्टी कार्यकर्ताओं की बुरी तरह पिटाई करने में शामिल सुरक्षा कर्मियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की कसम ली है.
इमरान पर क्या है आरोप
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के 70-वर्षीय प्रमुख इमरान खान को कथित रूप से अपनी संपत्ति से जुड़ी घोषणाओं में उपहारों का विवरण छिपाने का आरोप है. चुनाव आयोग ने इसकी शिकायत दर्ज कराया है. बिक्री का विवरण साझा नहीं करने के कारण पिछले साल अक्टूबर में पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने इमरान खान को अयोग्य घोषित कर दिया था. दरअसल वर्ष 1974 में स्थापित तोशाखाना कैबिनेट डिवीजन के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक विभाग है. तोशाखाना में पाकिस्तानी शासकों, सांसदों, नौकरशाहों और अधिकारियों को अन्य देशों की सरकारों, राज्यों के प्रमुखों और विदेशी गणमान्य व्यक्तियों से मिले कीमती उपहारों को संग्रहीत किया जाता है.