JSLPS News: झारखंड के 22 ब्लॉक के 1,056 गांवों में 176 जैविक क्लस्टर को बढ़ावा दिया जायेगा. इससे 42,240 किसानों को फायदा होगा. इतना ही नहीं, बड़े पैमाने पर प्रशिक्षण के लिए फार्मर फील्ड स्कूल की भी स्थापना की जायेगी. झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रोमोशन सोसाइटी (जेएसएलपीएस) अंतर्गत महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना (एमकेएसपी) की ओर से प्रोजेक्ट भवन सभागार में जैविक फसल और मिलेट्स पर आयोजित दो दिवसीय कॉन्क्लेव में ये बातें सोसाइटी के मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी सूरज कुमार ने कहीं.
राजधानी रांची में सोमवार को आयोजित कॉन्क्लेव में उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 और वर्ष 2024-25 में वैल्यू चेन और महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना के माध्यम से 10 जिलों के 22 ब्लॉक में 176 जैविक क्लस्टर विकसित किये जायेंगे. बड़े पैमाने पर प्रशिक्षण के लिए फार्मर फील्ड स्कूल की स्थापना भी की जायेगी. वह ‘Farming the sustainable way for a evergreen tomorrow: Rolling out organic clusters in Jharkhand’ विषय पर बोल रहे थे.
Also Read: झारखंड में मिलेट्स को मिलेगा बढ़ावा, राज्य में 3 प्रकार के मोटे अनाज की होती है उपज, पढ़ें पूरी खबरसूरज कुमार ने जेएसएलपीएस के कार्यों की सराहना की और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया. कहा कि वर्ष 2023 को ‘अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष’ घोषित किया गया है. इसी कड़ी में ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत जेएसएलपीएस द्वारा जिला एवं प्रखंड स्तर पर जागरूकता कार्यक्रमों के जरिये श्री अन्न के उपयोग एवं लाभ के बारे में लोगों को बताया जायेगा.
उन्होंने कहा कि समूह की हर महिला हमारे लिए प्रेरणा है. उन्होंने चुनौतियों का सामना करते हुए सफलता हासिल की है और ग्राम विकास में अपनी अहम भूमिका निभा रही हैं. उन्होंने कहा कि ‘Farming the sustainable way for a evergreen tomorrow: Rolling out organic clusters in Jharkhand’ का उद्देश्य 1,056 गांवों में 176 जैविक क्लस्टर को बढ़ावा देना है. इससे कुल 42,240 किसानों को लाभान्वित करते हुए 2,640 समूह का गठन किया जायेगा. इस योजना में एक फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी (एफपीओ) का भी गठन किया जाना है.
Also Read: हेल्दी रहने के लिए मिलेट्स हैं कितने फायदेमंद ?बता रहे हैं बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ अरुण कुमारबेहतर कार्य कर रहे फार्मर प्रोड्यूसर आर्गेनाईजेशन और जेएसएलपीएस के अंतर्गत प्रतिभा अवार्ड के विजेताओं को सम्मानित भी किया गया. महिलाओं ने मिल्लेट्स से बने खाद्य उत्पादों के स्टॉल लगाये थे, जिसका अतिथियों ने परिदर्शन किया. कार्यक्रम में दूसरे चरण में पैनल चर्चा हुई, जिसमें जैविक खेती और मिलेट्स के झारखंड परिप्रेक्ष्य, जैविक फसलों को बढ़ावा देना और दैनिक खपत भोजन के विकल्प के रूप में इसका उपयोग – अवसर और चुनौतियां, झारखंड में मिल्लेट्स प्रोत्साहन और बायोफोर्टिफिकेशन का दायरा पर विमर्श हुआ.
कार्यक्रम के दूसरे दिन मिलेट्स पर बायोफोर्टिफिकेशन और इसका प्रभाव, झारखंड में जैविक फसलों को बढ़ावा देने में टीएसए की भूमिका, झारखंड में मिल्लेट्स का महत्व, कार्यक्षेत्र और उत्पादन सहयोगी कार्रवाई के संदर्भ में राज्य में मिलेट्स को बढ़ावा देने में टीएसए, स्टार्टअप, गैर सरकारी संगठनों की भूमिका पर चर्चा की जायेगी. आज के कार्यक्रम में डॉ जयराम किल्ली (फार्म लीड, NMMU, MoRD, GoI) वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जुड़े. डॉक्टर अरुण कुमार (वैज्ञानिक, BAU), सुरजीत चक्रवर्ती (डीजीएम स्विच ऑन), एमकेएसपी के राज्य कार्यक्रम प्रबंधक मोहम्मद आरिफ अख्तर, कार्यक्रम प्रबंधक मोहम्मद खालिद, जेएसएलपीएस के राज्य तथा जिला पदाधिकारी एवं सखी मंडल की महिलाएं उपस्थित थीं.