Amritpal Singh Updates : खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह अभी भी पुलिस की पहुंच से बाहर है. इस बीच उसके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका, NSA) के तहत केस दर्ज किया गया है. आपको बता दें कि पंजाब पुलिस ने सोमवार को कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह से जुड़े पांच लोगों के खिलाफ कठोर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाया था. वहीं अमृतपाल के समूह ‘‘वारिस पंजाब दे’’ के खिलाफ जारी राज्यव्यापी कार्रवाई के बीच उसके चाचा हरजीत सिंह और वाहन चालक हरप्रीत सिंह ने रविवार मध्यरात्रि को पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया जिसके बाद उसे आज डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल ले जाया गया है. असम पुलिस ने बताया कि पंजाब के कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह के चार और साथियों को डिब्रूगढ़ जेल लाया गया.
इधर पंजाब CM भगवंत मान ने कहा है कि प्रदेश के लोग भाईचारे के लिए जाने जाते हैं लेकिन अगर कोई इसपर बुरी नज़र डालता है तो पंजाबी ये बर्दाश्त नहीं करते. पिछले दिनों कुछ तत्व ऐसे थे जो विदेशी ताकतों के हाथ चढ़कर पंजाब में माहौल खराब करने की, हेट स्पीच और कानून के खिलाफ बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि इनके खिलाफ कार्रवाई की गयी है और ये पकड़े गये हैं. हमारे लिए प्राथमिकता किताबें हैं कोई गैर समाजिक ताकत नहीं. मैं इस अभियान में (अमृतपाल सिंह के खिलाफ अभियान में) सहयोग के लिए पंजाब के तीन करोड़ लोगों को धन्यवाद देता हूं. पंजाब के लोग शांति और प्रगति चाहते हैं.
इस बीच खबर है कि पंजाब सरकार ने मंगलवार को तरन तारन, फिरोजपुर, मोगा, संगरूर और अमृतसर के अजनाला उप-मंडल तथा मोहाली के कुछ इलाकों में मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं के निलंबन की अवधि गुरुवार दोपहर तक बढ़ा दी जबकि राज्य के शेष हिस्सों में ये सेवाएं आज दोपहर तक बहाल हो जाएंगी. गृह मामले और न्याय विभाग ने एक आदेश में कहा कि राज्य के बाकी हिस्सों से, मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं पर लगाई गई पाबंदियां मंगलवार को दोपहर तक हटा ली जाएंगी.
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आपको बता दें कि पंजाब पुलिस ने कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह और उसके समूह ‘वारिस पंजाब दे’ के सदस्यों के खिलाफ शनिवार को बड़ी कार्रवाई शुरू की थी जिसके बाद राज्य सरकार ने मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं पर पाबंदियां लगा दी थीं. अभी भी अमृतपाल सिंह पुलिस की पहुंच से बाहर है. इधर अमृतपाल मामले को लेकर पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट सख्त हो गया है. हाईकोर्ट ने पंजाब पुलिस से सवाल किया है कि राज्य के 80 हजार पुलिसकर्मी क्या कर रही थी.
राष्ट्रीय सुरक्षा कानून या नेशनल सिक्यूरिटी एक्ट के बारे में आइए आपको बताते हैं. दरअसल ये कानून वह कानून है, जो राज्य और केंद्र सरकार को विशेष शक्ति प्रदान करने का काम करती है, जिसके तहत वह किसी संदिग्ध नागरिक या विशेष परिस्थितियों में विदेशी नागरिक को भी गिरफ्तार कर सकती है. इस एक्ट के तहत यदि सरकार को यह लगे कि कोई व्यक्ति देश में कानून का राज्य चलाने में बाधा डाल रहा है तो उसकी गिरफ्तारी का आदेश सरकार दे सकती है. यह एक्ट 1980 में इंदिरा गाधी के शासनकाल में बना था. इस एक्ट के तहत गिरफ्तारी पहले तीन माह के लिए की जाती है और उसके बाद जरूरत पड़ने पर उसे बढ़ाया जा सकता है.
भाषा इनपुट के साथ