Gujarat: गुजरात के सूरत में 30 साल पुराने एक पावर हाउस के कूलिंग टॉवर को मंगलवार को विस्फोट कर धराशायी कर दिया गया. यह टॉवर 85 मीटर ऊंचा और 72 मीटर चौड़े व्यास का था, जो विस्फोट के महज 7 सेकंड में ही जमींदोज हो गया. टावर गिरना देखने के लिए आस-पास के इलाकों से बड़ी संख्या में लोग जुटे थे. यह घटना लोगों को नोएडा के ट्विन टावर की याद गई.
तापी नदी के किनारे स्थित उतरन पावर प्लांट के इस टॉवर को आज दिन में 11:10 बजे गिराया गया. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि यह नजारा बिल्कुल वैसा ही था, जैसा पिछले साल दिल्ली एनसीआर के नोएडा में स्थित ट्विन टॉवर को विस्फोट में गिराते समय था. अधिकारियों ने बताया कि टावर गिराने में 220 किलोग्राम विस्फोटकों का इस्तेमाल हुआ. टॉवर के जमींदोज होते ही नीचे से धूल एवं गुबार की एक मोटी परत ऊपर उठी.
#WATCH | Gujarat: An old cooling tower of Utran Power House in Surat demolished with a controlled blast. pic.twitter.com/SeFug7Skk5
— ANI (@ANI) March 21, 2023
टॉवर को गिराते समय पर्यावरण एवं लोगों को नुकसान न पहुंचे, प्रशासन की तरफ से इसके भी बंदोबस्त किए गए थे. अधिकारियों ने बताया कि इस टॉवर को गिराने से पहले सभी तैयारियां कर ली गयी थीं. आसपास के इलाके को खाली करा लिया गया था और 250 से 300 मीटर की दूरी तक बैरिकेडिंग की गई थी. विशेषज्ञों की मदद से टॉवर में विस्फोटक को कॉलम में ड्रिल करके डाला गया था.
अडिशनल चीफ इंजीनियर आरआर पाटिल ने मीडिया को बताया कि यह टॉवर गुजरात स्टेट इलेक्ट्रिस्टी कॉर्पोरेशन के 135 MW पावर प्लांट का हिस्सा था और इसका इस्तेमाल प्लांट में कूलिंग के लिए होता था. अधिकारी ने बताया कि 375 मेगावाट की क्षमता वाला एवं गैस आधारित बिजली संयंत्र सुचारु रूप से चल रहा है. उन्होंने बताया कि इसका निर्माण 1993 में किया गया था. टेक्निकल और कॉमर्शियल वजहों से इसे गिराना जरूरी हो गया था. 2017 में इसे गिराने की मंजूरी मिली और सितंबर 2021 में ध्वस्तीकरण का काम शुरू किया गया था.