बिहार राज्य चीनी निगम लिमिटेड की बंद 15 इकाइयों एवं निगम मुख्यालयों में एक्जिट सैटलमेंट प्लान के तहत 5481 कर्मचारियों का वेतन भुगतान अभी तक बाकी रह गया है. इसके कर्मचारी 26 साल से वेतन भुगतान के इंतजार में हैं. यह जानकारी हाल ही में हुई गन्ना उद्योग विभाग की उच्चस्तरीय बैठक में सामने आयी है.
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक 5481 कर्मचारियों को 81.72 करोड़ का भुगतान किया जाना है. एक्जिट प्लान के तहत वेतन भुगतान के दायरे में आने वाले कर्मचारियों की संख्या 15481 है. इनमें से 10 हजार कर्मचारियों को 2.13 अरब रुपये का वेतन भुगतान किया जा चुका है. हैरत की बात यह है कि सभी कर्मचारियों के वेतन भुगतान के लिए एकमुश्त 2.94 अरब रुपये जारी किये गये थे. इसके बाद भी अभी तक मुकम्मल कर्मचारियों को भुगतान नहीं किया जा सका है. इस तरह पांच हजार से अधिक कर्मचारियों को चीनी मिल बंद होने के 26 साल बाद भी अपने वेतन का इंतजार करना पड़ रहा है.
समीक्षा के दौरान गन्ना उद्योग विभाग के प्रधान सचिव नर्मदेश्वर लाल ने भुगतान के लिए बड़ी राशि का शेष रह जाने को चिंताजनक माना है. निर्देशित किया कि जिन भी कर्मचारियों की राशि शेष रह गयी उनकी राशि का तत्काल भुगतान किया जाये. बैठक में बताया गया कि प्रदेश में पेराई सत्र 2022-23 में अभी तक 87.94 प्रतिशत ईख मूल्य का भुगतान किया जा चुका है. दूसरी तरफ मुख्यमंत्री गन्ना विकास कार्यक्रम में भी विभाग अपेक्षित राशि खर्च नहीं कर सका है.
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बैठक में बताया गया कि इस कार्यक्रम के तहत 28.78 करोड़ रुपये आवंटित किये गये थे. इसमें से केवल 5.29 करोड़ रुपये ही खर्च किये जा सके हैं. शेष राशि को जल्दी- से- जल्दी खर्च करने के लिए कहा गया है.बैठक में निर्देशित किया गया कि विभाग में 220 जनसेवक के पद सृजित हैं. इन पर नियुक्ति के लिए रोस्टर गठन करने के आदेश दिये गये हैं.