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6 जी की तैयारी

5जी तकनीक को 120 दिनों के भीतर 125 से अधिक शहरों में शुरू किया जा चुका है.

देश में डिजिटल क्रांति को नयी दिशा देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6जी तकनीक पर शोध एवं अनुसंधान कार्यक्रम का प्रारंभ किया है. इस अवसर पर उन्होंने आशा जतायी कि इस तकनीक को कुछ वर्षों में लागू किया जा सकता है. प्रधानमंत्री मोदी ने भारत 6जी विजन दस्तावेज का अनावरण भी किया है. उल्लेखनीय है कि 5जी तकनीक को 120 दिनों के भीतर 125 से अधिक शहरों में शुरू किया जा चुका है तथा इसकी पहुंच लगभग 350 जिलों तक हो चुकी है. इस तकनीक के प्रसार की यह दुनिया में सबसे तेज गति है. अब 6जी पर भी काम शुरू हो रहा है.

इस संबंध में जारी दस्तावेज को टेक्नोलॉजी इनोवेशन ग्रुप ने तैयार किया है, जिसका गठन नवंबर, 2021 में हुआ था. इस समूह में विभिन्न मंत्रालयों, शोध संस्थानों, शिक्षा संस्थाओं, दूरसंचार उद्योग आदि विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधि शामिल हैं. जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी ने रेखांकित किया है, भारत में डिजिटल तकनीक का उपयोग कई क्षेत्रों में हो रहा है और यह सशक्तीकरण का माध्यम बन रहा है. तकनीकी विकास को सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल इंडिया कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इसके तहत गांव-गांव तक ब्रॉडबैंड सुविधा पहुंचाने की कोशिश हो रही है. इस संदर्भ में सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि यह है कि सरकार और नागरिकों के बीच दूरी कम हुई है.

आधार, कॉमन सर्विसेस सेंटर, डिजिलॉकर, मोबाइल से सरकारी सेवाओं को मुहैया कराना, लाभार्थी के खाते में सीधे धन हस्तांतरित करना आदि कई सारी योजनाएं चलायी जा रही हैं. डिजिटल तकनीक के इस्तेमाल में बढ़ोतरी यह इंगित करती है कि लोगों के लिए यह बड़ी जरूरत बन गयी है. पिछले वर्ष अक्टूबर तक देश में 79 करोड़ वायरलेस ब्रॉडबैंड सब्सक्राइबर हो चुके थे. स्मार्टफोन इस्तेमाल करने वाले लोगों की तादाद 65 करोड़ से अधिक है. वर्ष 2022 में 15 करोड़ से अधिक मोबाइल फोन की बिक्री हुई थी. भारत में निर्मित मोबाइल फोन के निर्यात में भी बढ़ोतरी हो रही है.

हालांकि फोन में लगाये जाने वाले बहुत से पुर्जे आयातित हैं, लेकिन देश में ही उनके उत्पादन के लिए कोशिशें हो रही हैं. भारत ने सेमीकंडक्टरों के उत्पादन की दिशा में भी पहल की है. विशेषज्ञों की राय है कि जैसे जैसे अर्थव्यवस्था की गति में तेजी आयेगी और लोगों की आमदनी में बढ़ोतरी होगी, स्मार्टफोन और इंटरनेट उपयोग करने वालों की संख्या भी बढ़ेगी. शिक्षा, स्वास्थ्य, यातायात, निगरानी, निर्माण, उत्पादन आदि में विकास के लिए तेज गति के इंटरनेट सुविधा की आवश्यकता है, जिसे 5जी और 6जी तकनीक से उपलब्ध कराया जा सकता है. जिस प्रकार वित्तीय तकनीक में भारत उदाहरण बनकर उभरा है, उसी तरह डिजिटल तकनीक में भी जल्दी ही हम अग्रणी होंगे.

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