Bihar Diwas 2023: बिहार दिवस 2023 के दूसरे दिन गांधी मैदान से लेकर श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल व रविंद्र भवन सांस्कृतिक कार्यक्रमों से गुलजार रहे. गुरुवार को कहीं लोकगीत, तो कहीं शास्त्रीय संगीत, गजल और कव्वाली की महफिल सजी. पटनाइट्स ने भी इन कार्यक्रमों को भरपूर इंजॉय किया. सुबह गांधी मैदान में जहां विभागों की ओर से लगाये गये स्टॉलों में सामाजिक जागरूकता से जुड़े विषयों पर कई कार्यक्रम हुए. वहीं शाम में मैथिली ठाकुर ने अपनी लोकगायकी से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया. उधर, रविंद्र भवन में कासिम खुर्शीद ने पटनाइट्स को खूब गुदगुदाया.
पटना का ऐतिहासिक गांधी मैदान गुरुवार को बिहार की लोक गायिका मैथिली ठाकुर की शानदार आवाज की शानदार शाम का गवाह बना. शाम तकरीबन 6:15 बजे मैथिली ठाकुर अपने भाई ऋषभ और साथी कलाकारों के साथ जैसे ही मंच पर आयीं, तालियों की गड़गड़ाहट से पटना के लोगों ने उनका शानदार स्वागत किया. फिर उन्होंने लोकगीतों और हिंदी फिल्मों के गानों की एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी.
सबसे पहले मैथिली ने बिहार की भूमि को नमन किया और कहा कि उन्हें भी बिहारी होने पर गर्व है. दर्शकों की सुविधा के लिए दर्शक दीर्घा को कई हिस्सों में बांटा गया था. वीआइपी, मीडिया के बाद आम लोगों के लिए दर्शक दीर्घा बनायी गयी थी. जितने लोग दर्शक दीर्घा के अंदर थे, उससे कहीं ज्यादा लोग दर्शक दीर्घा के बाहर. जिला प्रशासन की तरफ से एलसीडी टीवी स्क्रीन जगह-जगह पर लगायी गयी थी, ताकि लोग मंच के परफॉर्मेंस को देख सकें.
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मैथिली ठाकुर ने हिंदी और मैथिली के सात लोकगीत और गाने गये और दर्शक इस दौरान झूमते नजर आये. तेरे रश्के कमर… , मेरा पिया घर… आज मिथिला नगरिया निहाल सखिया… जैसे लोकगीत मैथिली गा रही थीं उस वक्त पूरा गांधी मैदान उन्हें सुन रहा था. कई लोग मोबाइल का टार्च जलाकर मैथिली का अभिवादन करते नजर आए. खासकर तेरे रश्के कमर पर युवाओं और कॉलेज की छात्राओं ने दर्शक दीर्घा के अंदर और बाहर जमकर डांस किया.
मैथिली ठाकुर बिहार टूरिज्म की ब्रांड एंबेसडर बनी हैं. वह अब बिहार टूरिज्म की ब्रांडिंग करेंगी. बिहार दिवस के मौके पर यह घोषणा की गयी है. इससे पहले से ही मैथिली इलेक्शन कमीशन, बिहार खादी बोर्ड, उपेंद्र महारथी संस्थान की भी ब्रांड एंबेसडर हैं.