बरेली. रहमत, और बरकतों का मुकद्दस माह रमजान का पहला रोजा जुमा (शुक्रवार) यानी आज से शुरू हो गया है. पहले जुमा को रोजा होने के चलते मस्जिदों में जुमे की नमाज में बड़ी संख्या में नमाजियों की भीड़ थी.पुलिस ने जुमे के चलते अलर्ट कर दिया था. मस्जिदों के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स लगाया गया था.जुमे की नमाज से पहले मस्जिदों के इमाम ने तकरीर कर रोजे की फजीलत बयान की. मुसलमानों को गुनाहों से दूर रहने की नसीहत दी.रमजान के महीने को बरकतों का महीना बताया.रमजान में अधिक से अधिक इबादत करने को कहा.इस मुकद्दस महीने में एक नेकी के बदले 70 नेकियों का सवाब मिलने की जानकारी दी. इसलिए ज्यादा से ज्यादा इबादत करें.गुनाहों से तौबा करें .अल्लाह इबादतों को कुबूल करने के साथ ही गुनाहों को माफ करता है.
इस्लाम के नौवें महीने में रमजान होते हैं.8 वें महीने के अंत में 29 या 30 का चांद होने पर रमजान का आगाज होता है.इसके बाद रमजान का महीना 29 या 30 रोजों का होता है.यह पूरा होने के बाद ईद उल फितर का पर्व मनाया जाता है.
रोजा रखने से पहले रात में सहरी खाने का भी सवाब है. रात में सहरी का वक्त 4:49 बजे तक था.इसके साथ ही इफ्तार 6:29 पर होगी. जिसके चलते पहला रोजा 13 घंटे 40 मिनट का है.हालांकि, यह हर दिन बढ़ता रहेगा.
दरगाह आला हजरत के संगठन ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने रमजान पर देशवासियों को मुबारकबाद दी. इसके साथ ही रोजा न रखने वालों को सख्त गुनाहगार बताया.उन्होंने कहा रमजान के महीने में खाने-पीने के होटल बंद कर देना चाहिए.होटल संचालकों से रोजेदारों का एहतराम करने की सलाह दी.
रिपोर्ट मुहम्मद साजिद बरेली