Chaitra Navratri 2023 Day 4, Kushmanda Mata Temple in India,Kushmanda Maa Puja Vidhi: चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन कल मां कुष्मांडा देवी की पूजा होगी. देश के लगभग हर राज्य में चैत्र नवरात्र को बड़े ही धूम धाम के साथ मनाया जाता है. मां कुष्मांडा को ब्रह्मांड की रचयिता माना जाता है. ऐसे में हम आपको मां कुष्मांडा के एक ऐसे मंदिर के बारे में बता रहे हैं, जहां पिछले 34 सालों से अखंड ज्योति जल रही है.
मां कुष्मांडा मंदिर उत्तर प्रदेश के सागर-कानपुर के बीच घाटमपुर में स्थित है है. ऐसा कहा जाता है कि साल 1988 से इस मंदिर में अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित हो रही है. मां कुष्मांडा देवी के वर्तमान मंदिर का निर्माण 1890 में चंदीदीन भुर्जी ने कराया था. इस मंदिर में मां कुष्मांडा लेटी हुईं मुद्रा में हैं और उनसे पानी रिसता है. जिसे पवित्र माना जाता है और ऐसा भी कहा जाता है कि इससे कई तरह के रोग दूर होते हैं.
कहा जाता है कि मंदिर में मां की पूजा सिर्फ महिला पुजारी ही करती हैं. इसकी वजह पूंछने पर उन्होंने बताया कि यहां मां की लेटी हुई मूर्ति है. जिस कारण सिर्फ महिलाओं को ही श्रृंगार की अनुमति होती है.
वाराणासी में नवरात्र के चौथे दिन माता कुष्मांडा देवी के दर्शन का विधान है. यह मंदिर वाराणसी के दक्षिण क्षेत्र में देवी दुर्गा कुष्मांडा रूप में विराजमान हैं. मंदिर से लगे कुंड को दुर्गा कुंड कहा जाता है. यह अत्यंत ही प्राचीन दुर्गा मंदिर है. यह मंदिर नागरी शैली में निर्मित है. मन्दिर का इतिहास काफी पुराना है. मन्दिर के बारे में मान्यता है कि यह मानव निर्मित नही अपितु स्वयं ही प्रकट हुवा था. नवरात्र में इस मन्दिर में हजारों श्रद्धालु बड़ी ही संख्या में आते हैं. ऐसा कहा जाता है कि नवरात्र में माता के दर्शन करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती हैं.
नवरात्रि के चौथे दिन दुर्गाकुंड स्थित माता कुष्मांडा देवी के दर्शनों के लिए भक्तों की भीड़ अहले सुबह से ही लगनी शुरू हो जाती हैं. यहां लाल फूल, चुनरी, नारियल लेकर भक्त माता के दर्शनों के लिए लंबी कतारों में शामिल होकर जयकारा लगाते हैं. मन्दिर के इतिहास के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण कई राजाओं द्वारा कराया गया है.