कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को एक बाद एक झटका लग रहा है. मोदी सरनेम से जुड़े आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने के 24 घंटे के भीतर लोकसभा सचिवालय ने राहुल को सदन की सदस्यता से अयोग्य करार दे दिया. कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर बदले की राजनीति का आरोप लगाते हुए इस कार्रवाई के खिलाफ राजनीतिक व कानूनी तौर पर लड़ने का संकल्प जताया है. आज देशभर में यूथ कांग्रेस प्रदर्शन करेगी. तो दोपहर एक बजे राहुल गांधी प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे.
राहुल गांधी के चुनाव लड़ने पर भी लग सकती है रोक
अगर 52 वर्षीय राहुल गांधी की दोषसिद्धि और सजा पर ऊपरी अदालत से स्थगन आदेश नहीं मिलता है, तो वह अगले आठ साल तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे. अयोग्य ठहराए जाने की अधिसूचना जारी होने से कुछ घंटे पहले राहुल गांधी लोकसभा की कार्यवाही में शामिल हुए और संसद भवन में पार्टी सांसदों की बैठक में भाग लिया.
राहुल गांधी के पास अब क्या है रास्ता
अगर किसी जनप्रतिनिधि को दो साल या उससे अधिक की जेल की सजा होती है और ऊपरी अदालत द्वारा इस सजा पर रोक लगा दी जाती है, तो जनप्रतिनिधित्व (आरपी) अधिनियम के तहत वह अयोग्यता से बच सकता है. मानहानि के मामले में राहुल गांधी को राहत के लिए पहले अपीलीय अदालत का रुख करना होगा और अपने पक्ष में न्यायिक आदेश हासिल करने के बाद में सांसद के रूप में अपनी स्थिति की बहाली के लिए उन्हें लोकसभा सचिवालय जाना होगा.
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राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने इस मामले में सुनाया सजा
सूरत की एक अदालत ने मोदी सरनेम संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें दो साल के कारावास की सजा सुनाई.
कांग्रेस ने बताया काला दिन
कांग्रेस ने कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र के लिए काला दिन है और वह मोदी सरकार के इस सुनियोजित कदम के खिलाफ कानूनी और राजनीतिक लड़ाई लड़ेगी. वहीं भाजपा ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि लोकसभा की सदस्यता से राहुल गांधी की बर्खास्तगी कानून के मुताबिक हुई है.
राहुल गांधी चौथी बार लोकसभा सदस्य बने थे
राहुल गांधी चौथी बार लोकसभा सदस्य बने थे. वह पहली बार 2004 में अमेठी से सांसद चुने गए थे. उन्होंने दो और कार्यकाल के लिए अमेठी का प्रतिनिधित्व किया. 2019 में वह अमेठी सीट पर स्मृति ईरानी से हार गए, हालांकि वायनाड सीट से उनकी जीत हुई.