बिहार के 2865 सरकारी कन्या माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के परिसर में भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग ने वित्तीय प्रबंध किया है. जन-जीवन-हरियाली अभियान के तहत स्कूल परिसर में बारिश के पानी को रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के जरिये भूजल के रूप में सहेजा जायेगा. शिक्षा विभाग ने तय किया है कि रैन वाटर हार्वेस्टिंग के जरिये भूजल को संतुलित रखते हुए स्कूली हैंडपंप- नलकूप को हमेशा रखा जायेगा, ताकि बालिकाओं को पेयजल के लिए स्कूल परिसर न छोड़ना पड़े. पेयजल के अलावा समुचित पानी उपलब्ध रहने से शौचालयों की साफ-सफाई भी सुनिश्चित हो सकेगी.
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक शिक्षा विभाग ने इसके लिए 2865 स्कूलों के लिए 20.80 करोड़ की राशि देने का निर्णय लिया है. इस राशि में से प्रत्येक स्कूल को 80 हजार रुपये दिये जायेंगे. इस राशि से रैन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए भौतिक संरचना का निर्माण किया जायेगा. बिहार शिक्षा परियोजना ने एक आकलन तैयार कर निर्णय लिया है कि इस कवायद में प्रति विद्यालय 80 हजार रुपये दिये जायेंगे.
रैन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए 2865 ऐसे विद्यालयों का चयन किया जाना है, जहां भौतिक संरचना निर्माण के लिए कम- से- कम तीन हजार वर्गफुट जमीन की उपलब्धता हो. इस राशि को खर्च करने से पहले यह सुनिश्चित किया जायेगा कि योजना का दोहरीकरण एवं राशि का अपव्यय किसी भी तरह न हो. व्यय की गयी राशि का उपयेगिता प्रमाणपत्र बिहार शिक्षा परियोजना को उपलब्ध कराना होगा. साथ ही विद्यालय स्तर पर इस काम की मॉनीटरिंग संबंधित विद्यालय की समिति, जिला शिक्षा पदाधिकारी ,बिहार शिक्षा परियोजना निदेशक और माध्यमिक निदेशक करेंगे.
नगर विकास एवं आवास विभाग ने अगले दो साल यानी 2024-25 तक करीब 2800 सार्वजनिक कुओं, तालाब एवं पोखर के जीर्णोद्धार का लक्ष्य रखा है. इसके साथ ही सार्वजनिक चापाकल के निकट करीब दो हजार सोख्ता बनाये जाने की भी तैयारी है. इसको लेकर चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में विभाग ने जल -जीवन- हरियाली के अंतर्गत 38 नगर निकायों के लिए कुल 62.93 करोड़ रुपये से अधिक की योजना की प्रशासनिक स्वीकृति दी है.
नगर विकास विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक विभाग ने 2023-24 में 618 और 2024-25 में 551 सार्वजनिक कुओं के जीर्णोद्धार का लक्ष्य तय किया है. इसी तरह, इन दो वर्षों में क्रमश: 365 और 318 तालाब व पोखरों का जीर्णोद्धार, जबकि 650 व 632 सोख्ता बनाये जायेंगे. इसके अलावा विभाग ने नगर निकाय के स्वामित्व वाले करीब 183 भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग कार्य कराये जाने का भी निर्णय लिया है. इसको लेकर क्षेत्र चिह्नित करने की प्रक्रिया चल रही है.
जल- जीवन -हरियाली को प्रोत्साहित करने के लिए विभाग ने बिल्डिंग बाइलॉज में सभी प्रकार के भूखंडों पर निर्मित या निर्माणाधीन भवनों में वर्षा जल संचयन प्रणाली की व्यवस्था किये जाना अनिवार्य कर दिया है. इसके साथ ही बिहार नगरपालिका संपत्ति कर नियमावली 2013 के तहत वर्षा जल संचयन हेतु संरचना का निर्माण करने वाले भूखंडों को होल्डिंग टैक्स में पांच प्रतिशत की छूट का प्रावधान किया गया है.