बरेली : यूपी नगर निकाय चुनाव जून तक संपन्न होने की उम्मीद है. वहीं अगले वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव है. यह चुनाव बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के लिए काफी अहम है. क्योंकि वर्ष 2007 में यूपी में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने वाली बसपा की सदन में संख्या लगातार कम हो रही है. यूपी विधानसभा में सिर्फ एक विधायक बचा है. बसपा को मिलने वाले वोट में निरंतर कमी आ रही है. इसको लेकर बसपा प्रमुख मायावती दलित, पिछड़ों (ओबीसी) के साथ अल्पसंख्यक मुस्लिम मतदाताओं को साधने की कोशिश में लगी हैं.
मायावती ने जिले और विधानसभा कमेटी के चार प्रमुख पदों में से एक पर मुस्लिम समाज के कार्यकर्ता को जिमेदारी सौंपने के निर्देश दिए हैं. जिला संगठन में जिलाध्यक्ष, जिला महासचिव, जिला उपाध्यक्ष, और जिला कोषाध्यक्ष में से एक पद मुस्लिम को दिया जाएगा. इसी तरह से विधानसभा कमेटी के भी चार पद में से एक पर जिम्मेदारी दी जाएगी.12 सदस्यीय सेक्टर कमेटी में 4 पद मुस्लिमों को दिए जाएंगे. यह निर्देश बसपा प्रमुख मायावती ने सभी कोआर्डिनेटर को दिए हैं.
बरेली के जिलाध्यक्ष डॉ. जयपाल सिंह ने बताया कि मुस्लिम समाज को पार्टी से जोड़ने की कोशिश चल रही है. इसके साथ ही संगठन में भी जिम्मेदारी दी जा रही है. उन्होंने बताया कि गांव में डेरा अभियान के तहत दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों पर फोकस है. बसपा नगर निकाय चुनाव में मुस्लिमों को पहले से अधिक टिकट देने की कोशिश में है.
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में पार्टी से दलित (एससी) मतदाता (वोटर) भी दूर हो गए हैं. यूपी में एससी वोट करीब 22 फीसद हैं, लेकिन यूपी विधानसभा चुनाव में बसपा को सिर्फ 12.5 फीसद वोट मिले. इससे साफ जाहिर है कि करीब 9.5 फीसद एससी वोट भाजपा- सपा के साथ चला गया. अब बसपा ने लोकसभा और निकाय चुनाव को लेकर स्पेशल प्लान तैयार किया है. इसमें एक बूथ पर 5 यूथ (युवाओं) को लगाया जाएगा. जिससे बूथ को जीता जा सके.
बसपा 11 वर्ष से सत्ता से बाहर है. इस समय जिसकी उम्र 20-30 साल है. उसने बसपा का कैडर नहीं लिया. कैडर देने का मतलब होता कि जो एससी, एसटी, पिछड़े, अल्पसंख्यक, सवर्ण समाज के मानवतावादी गरीब कमजोर लोग हैं. उनको इस बात का एहसास कराना है कि आज उनको जो सुख सुविधाएं मिल रही हैं, जो अधिकार हासिल कर सकते हैं. वह डॉक्टर भीमराव अंबेडकर द्वारा बनाए संविधान की वजह से मिल रही हैं. उन्होंने सभी समाज के हित के लिए संविधान में जो अधिकार दिए हैं. उनको ही युवाओं को समझाया जाएगा. इसके साथ ही युवाओं को वर्तमान सरकार के संविधान से किए जा रहे खिलवाड़ के बारे में बताएंगे. उन्हें संविधान ने सम्मान से जीने का जो अधिकार दिया है. उसके आधार पर सरकारें आर्थिक नीतियां नहीं बना रही हैं.
Also Read: बरेली-पीलीभीत लोकसभा क्षेत्र के प्रभारी बने वीरपाल सिंह यादव, अगम मौर्य को आंवला संसदीय क्षेत्र का जिम्मा
बसपा ने 50 फीसद युवाओं को टिकट देने का फैसला लिया है.इसके साथ ही संगठन में भी हिस्सेदारी दी जाएगी.बसपा के लोकसभा में 10 सांसद हैं.मगर, राज्यसभा में संख्या जीरो हो गई है. यूपी विधानसभा चुनाव में बसपा को सिर्फ एक सीट मिली है.
रिपोर्ट मुहम्मद साजिद बरेली