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Online Satta Matka: क्या बंद होगा ऑनलाइन जुआ ? जानिए क्यों उठ रहे हैं ये सवाल

Online Satta Matka : ये मौतें हमारी आंखों के सामने हो रही हैं. इस सरकार, जिसके हाथ में कानून है, उसका कर्तव्य और जिम्मेदारी है कि वह इन मौतों को रोके. मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने जानें ऑनलाइन जुआ को लेकर क्या कहा

Online Satta Matka : यदि आप ऑनलाइन जुआ खेलने का शौक रखते हैं तो ये खबर आपको जरूर पढ‍़नी चाहिए. दरअसल, तमिलनाडु विधानसभा ने राज्यपाल आर एन रवि द्वारा पुनर्विचार के लिए सरकार को लौटाए गये ऑनलाइन जुआ पर प्रतिबंध संबंधी विधेयक को गुरुवार को सर्वसम्मति से पुन: पारित कर दिया. मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने लोगों की मौत होने का जिक्र करते हुए कहा कि वह ‘‘भारी मन के साथ’’ इस विधेयक को पेश कर रहे हैं. ऑनलाइन जुए में धनराशि गंवाने के बाद कई लोगों द्वारा कथित रूप से आत्महत्या किये जाने के मामले सामने आये हैं. कई विधायकों ने इस विधेयक के प्रति अपना समर्थन जताया और इसे लौटाने के लिए राज्यपाल रवि की आलोचना की.

विधेयक को सर्वसम्मति से पारित किया गया

विधानसभा अध्यक्ष एम अप्पावु ने बाद में घोषित किया कि इस विधेयक को सर्वसम्मति से पारित किया जाता है. एम अप्पावु ने राज्यपाल आर एन रवि का एक पत्र पढ़ा, जिसमें उन्होंने विधेयक को वापस करने के कारण बताये थे. राज्यपाल ने विधानसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा था कि इस विधेयक के संबंध में विधानसभा के पास “कोई विधायी क्षमता नहीं है” और यह “कई न्यायिक मतों” के खिलाफ पारित किया गया था. स्टालिन ने कहा कि ऑनलाइन जुआ में अत्यधिक धनराशि गंवाने के बाद अब तक 41 लोग आत्महत्या कर चुके हैं. उन्होंने सुरेश कुमार नाम के एक युवक का जिक्र किया, जिसने ऑनलाइन रमी में 17 लाख रुपये गंवाने के बाद आत्महत्या कर ली थी.

मौतें हमारी आंखों के सामने

मुख्यमंत्री ने कहा कि ये मौतें हमारी आंखों के सामने हो रही हैं. इस सरकार, जिसके हाथ में कानून है, उसका कर्तव्य और जिम्मेदारी है कि वह इन मौतों को रोके. स्टालिन ने कहा कि सरकार ने इस जिम्मेदारी को समझते हुए मद्रास उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश के चंद्रू के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया था, जो सरकार को ऑनलाइन जुआ पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक नया कानून तैयार करने की सलाह दे रहा था. उन्होंने बताया कि इस समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है.

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इस बीच, अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) में नेतृत्व को लेकर मतभेद उस समय फिर उजागर हुए, जब के पलानीस्वामी और अन्य पार्टी विधायकों ने अपदस्थ नेता ओ पनीरसेल्वम को इस मामले में बोलने की अनुमति देने पर विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष आपत्ति जतायी. अप्पावु ने विपक्ष के विधायकों से कहा कि उन्होंने पनीरसेल्वम का जिक्र अन्नाद्रमुक के सदस्य के रूप में नहीं किया है और उन्हें एक पूर्व मुख्यमंत्री होने की हैसियत से बोलने की अनुमति दी गयी है.

17 अक्टूबर को तमिलनाडु विधानसभा का संक्षिप्त सत्र

इससे पहले, राजभवन ने इस विधेयक के कुछ पहलुओं को लेकर मार्च की शुरुआत में इसे ‘‘एक बार फिर विचार’’ करने के लिए सदन को लौटा दिया था. राज्यपाल ने एक अक्टूबर 2022 को ऑनलाइन जुआ निषेध और रमी तथा पोकर से संबंधित ऑनलाइन गेम के नियमन से जुड़ा अध्यादेश लागू किया था और तीन अक्टूबर को सरकार द्वारा एक गजट अधिसूचना जारी की गयी थी. उसके बाद 17 अक्टूबर को तमिलनाडु विधानसभा का संक्षिप्त सत्र हुआ था, जिसमें यह विधेयक पारित किया गया था.

19 अक्टूबर, 2022 को एक विधेयक पारित किया गया

इस अध्यादेश की जगह विधानसभा में 19 अक्टूबर, 2022 को एक विधेयक पारित किया गया था और फिर 26 अक्टूबर को राज्यपाल के पास उनकी सहमति के लिए उसे भेजा गया था. स्टालिन ने कहा कि इस पर तुरंत अपनी सहमति देने के बजाय राज्यपाल ने 23 नवंबर, 2022 को कुछ स्पष्टीकरण मांगा. स्टालिन ने कहा कि 24 घंटे के भीतर राज्यपाल को स्पष्टीकरण भेजा गया और कानून मंत्री एस रघुपति ने उनसे मुलाकात की और फिर से जवाब दिया. उन्होंने कहा कि हालांकि, 131 दिनों के बाद विधेयक को विधानसभा अध्यक्ष अप्पावु को कुछ आपत्तियों के साथ वापस कर दिया गया था.

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