पटना. बिहार सरकार में वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला और कहा कि केंद्र सरकार की नीतियां बिहार के हितों की प्रतिकूल रही है. पहले बिहार जब बेहतर वित्तीय प्रबंधन के कारण राजस्व अधिशेष (सरप्लस) वाला राज्य होता था, तब राजस्व घाटे वाले राज्यों को केंद्र सरकार घाटा अनुदान देती थी. कोरोना के समय जब बिहार राजस्व घाटे वाले राज्यों की श्रेणी में आया, तो केंद्र ने घाटा अनुदान देने ही बंद कर दिया, लेकिन फिर बिहार अपने बेहतर वित्तीय प्रबंधन के कारण एक बार फिर वर्ष 2023-24 में 4400 करोड़ राजस्व अधिशेष वाला राज्य हो गया है.
विजय चौधरी सोमवार को विधानसभा की दूसरी पाली में बिहार विनियोग (संख्या-2) विधेयक-2023 पर सरकार का पक्ष रख रहे थे. भाजपा सदस्यों के वाक आउट के बीच सदन ने ध्वनिमत से बिहार विनियोग विधेयक-2023 पास कर सरकार को संचित निधि से 2.66 लाख करोड़ खर्च करने की अनुमति दी. वित्तमंत्री ने कहा कि इसमें से करीब 65% राशि विकास कार्य पर खर्च होंगे.
वित्तमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अपने संसाधन का बेहतर उपयोग कर विकास को लगातार गति दे रही है. इसका असर विकास दर पर दिखाई दे रहा है. पिछले साल बिहार की विकास दर 11% रही, जबकि देश का औसत वृद्धि दर 8.7% थी. इस साल भी बिहार की विकास दर दो अंकों में रहने की संभावना है, जबकि देश की वृद्धि दर 6% रहेगी. मंत्री ने कहा कि जीविका मौन क्रांति है. इससे राज्य की महिलाएं स्वावलंबी हो रही हैं. दीदी की रसोई की खूशबू अमेरिका तक पहुंच गयी है और प्रसिद्ध अमेरिकन सेफ उनसे रेसिपी से सीखने आए थे.
वित्त मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्यमी योजना पूरे देश में एक अनोखी और अनूठी योजना है. इसके तहत चयनित उद्यमियों को राज्य सरकार अपने खजाने से दस लाख रुपये लोन के रूप में देती है. जिसमें पांच लाख अनुदान और बाकी पांच लाख किश्तों में सरकार को वापस करना होता है. इस योजना से राज्य के करीब हर पंचायतों में 5-6 उद्यमी बने हैं. स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि अब तो ऋण लेने वाल राज्य के युवा ऋण की राशि लौटाने भी लगे हैं.