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झारखंड हाईकोर्ट की चेतावनी रही बेअसर, राज्य भर के घाटों से खूब हुई बालू की अवैध ढुलाई और बिक्री

झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य के सभी जिलों में बालू घाटों का जायजा लिया गया. पाया कि सभी जिलों में धड़ल्ले से घाटों से बालू की अवैध निकासी होती रही. इसे बाजार में खुलेआम बेचा भी जाता रहा.

रांची, जमशेदपुर, धनबाद, देवघर. राज्य में बिना टेंडर के ही अवैध रूप से हर दिन हो रहा बालू घाटों से अवैध उत्खनन. मंगलवार को ही हाइकोर्ट ने बालू के अवैध उठाव को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की थी. इसमें राज्य सरकार को स्पष्ट निर्देश दिया था कि राज्य में कहीं भी बालू का अवैध उठाव होता है, तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.

हाइकोर्ट के आदेश के बाद प्रभात खबर ने राज्य के सभी जिलों में बालू घाटों का जायजा लिया. पाया कि सभी जिलों में धड़ल्ले से घाटों से बालू की अवैध निकासी होती रही. इसे बाजार में खुलेआम बेचा भी जाता रहा. पूरे राज्य में वैध रूप से 21 बालू घाट ही संचालित है, जिनसे बालू की निकासी हो सकती है, लेकिन राज्यभर में प्रतिदिन छह हजार से लेकर 10 हजार ट्रक व हाइवा से बालू का अवैध कारोबार हो रहा है. लगभग 300 करोड़ रुपये के बालू का अवैध कारोबार प्रतिमाह हो रहा है. दूसरी ओर खान विभाग को वित्तीय वर्ष 2022-23 में बालू से फरवरी 2023 तक केवल 199.70 लाख रुपये ही राजस्व के रूप में मिला है.

2017 से ही नहीं हो सका है बालू घाटों का टेंडर : राज्य सरकार के फैसला के अनुसार, कैटेगरी दो के सभी बालू घाटों का संचालन जेएसएमडीसी को करना है. यह फैसला वर्ष 2017-18 में ही लिया गया था. इसके बाद से ही टेंडर की प्रक्रिया चल रही है. राज्य में 608 बालू घाट चिह्नित हैं. अब तक 12 जिलों की ही डिस्ट्रिक्ट सर्वे रिपोर्ट बनी है. इसके बाद टेंडर की प्रक्रिया में दो से तीन माह लगेंगे.

पलामू के एक भी बालू घाट की बंदोबस्ती नहीं है. इसके बावजूद .पलामू के कोयल, सोन, अमानत, औरंगा, तहले, कनहर, बटाने नदियों से करीब 40 बालू घाटों से बालू का उठाव हो रहा है. चैनपुर, छतरपुर नौडीहा, पांकी, हैदरनगर सहित अन्य इलाके में तो रात होते ही बालू तस्कर सक्रिय हो जाते हैं. लातेहार जिला मुख्यालय से होकर बहनेवाली औरंगा नदी से लगातार बालू का उठाव किया जा रहा है.

रामगढ़ जिला में भी बालू घाटों की नीलामी नहीं हुई है.इसके बावजूद पूरे जिले से लगभग 100 ट्रैक्टर, 20-25 हाइवा, 30-40 ट्रक के करीब प्रतिदिन अवैध तरीके से बालू का उठाव हो रहा है.

कोडरमा जिले में केवल दो बालू घाट ही वैध है. इसके बावजूद जयनगर से लेकर सुदूरवर्ती सतगावां, मरकच्चो, डोमचांच, चंदवारा व तिलैया के आसपास स्थित घाटों से बालू का उठाव कर ट्रैक्टरों के जरिये ढुलाई करते हुए देखा गया है. जयनगर में सर्वाधिक बालू का अवैध उठाव बराकर नदी के दुमदुमा, तिलोकरी, जयनगर, गोपालडीह, करियावां व सुगाशाख घाटो से हो रहा है.

हजारीबाग जिले में केवल नावाटानर बालू घाट की ही बंदोबस्ती है पर जिले में 46 से अधिक छोटे-बड़े नदियों के बालू घाट से 650 से अधिक ट्रैक्टर और सैकड़ों हाइवा से बालू का उठाव हो रहा है.इसमें चलकुशा, चौपारण, कटकमसांडी, बड़कागांव प्रखंड की नदियों से बालू का उठाव सबसे अधिक होता है.

चतरा में गढ़केदाली, लोहरसिगना खुर्द व घोरीघाट की ही बंदोबस्ती हुई है. पर जिले के हंटरगंज प्रखंड के नीलाजन नदी के अलावा चतरा सदर, इटखोरी, कान्हाचट्टी, टंडवा, पत्थलगड्डा, मयूरहंड समेत अन्य प्रखंडो में स्थित नदियों से बालू का उठाव किया जा रहा हैं.

धनबाद में एक भी बालू घाटों की बंदोबस्ती नहीं है. जबकि पूर्वी टुंडी के बराकर नदी का बेजड़ा घाट से पूरे साल भर बालू का अवैध उत्खनन होता है.

गिरिडीह मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के झरियागादी बालू घाट, उदनाबाद उसरी नदी बालू घाट, बराकर नदी, अरगाघाट, शास्त्रीनगर घाट, भंडारीडीह, सिहोडीह घाट, रानीखावा बालू घाट, बनखंजो बालू घाट, मोतीलेदा बालू घाट, गांडेज़ बिरनी, सरिया, गावां, तिसरी समेत विभिन्न प्रखंडों के बालू घाटों से प्रतिदिन सैकड़ों ट्रैक्टर व ट्रक से अवैध रूप से बालू का उठाव जारी है.

पूर्वी सिंहभूम के शहरी क्षेत्र बारीडीह निराला पथ के समीप और बागुनहातु (दोनों सुवर्णरेखा नदी घाट), उलीडीह मानगो, ग्रामीण क्षेत्रों में बड़शोल, गुड़ाबांधा, श्यामसुंदरपुर, ज्योतिपहाड़ी बहरागोड़ा, एनएच 33 तुड़ियाबेड़ा और बंगाल सीमा से सटे पटमदा, सरायकेला-खरसावां जिले के आदित्यपुर के सापड़ा में प्रशासन के नाक के नीचे अवैध निकासी हो रही है.

संताल परगना की नदियों से हर दिन अवैध तरीके से बालू का उठाव हो रहा है. यहां तक की देवघर से बालू की तस्करी बिहार तक होती है. बिहार सीमा से सटे देवघर जिले से गुजरने वाली नदियों में अजय, पतरो, डढ़वा व चांदन से बालू का उठाव कर बिहार के जमुई व बांका जिले में ट्रैक्टर से अवैध तरीके से बेचा जा रहा है. वहीं दुमका जिले के सरैयाहाट प्रखंड में अवैध तरीके से नदियों से बालू का उठाव हो रहा है. बुधवार की सरैयाहाट के जिस बालूघाट से बालू का उठाव होते देखा गया, उसकी बंदोबस्ती नहीं हुई है.

खूंटी : कारो और कांची नदी से अवैध बालू निकासी

खूंटी जिला में कुदरी, ओकरा, सिमला और डोरमा बालू घाट चालू है. पर जिले के सभी प्रखंडों से बालू का प्रतिदिन अवैध उत्खनन हो रहा है. कर्रा के मास्को, बकसपुर, बमरजा, तिलमी, गोविंदपुर सहित अन्य स्थानों में कारो नदी से बालू का उत्खनन करते हुए देखा गया. तोरपा में गिरूम, टाटी, उड़िकेल, नीचितपूर, तपकरा, कोचा में कारो नदी से ही बालू निकाला जा रहा है. खूंटी के चालान पर ही रांची में भी अवैध कारोबार हो रहा है. रनिया में कोयल नदी से कोटांगेर, मेरोमबीर में जेसीबी से बालू का खनन किया जा रहा है. अड़की में कई जगहों से कांची नदी से भारी मात्रा में बालू का उठाव होता है.

रांची में 29 में से एक भी घाट का टेंडर नहीं, फिर भी बालू का उठाव

रांची जिले में 29 बालू घाट हैं. इनमें एक का भी टेंडर नहीं हो सका है. पड़ताल में पाया गया कि रात में बुंडू, खलारी, डकरा, सोनाहातू व सिल्ली के बालू घाटों से बालू की निकासी की जाती है. रांची में 500 टर्बो ट्रक और करीब 60 हाइवा से बालू की ढुलाई प्रतिदिन हो रही है. रांची के खलारी प्रखंड में एक दर्जन जगहों से बालू का अवैध उत्खनन खुलेआम होता है.बालू नदी से निकालकर आसपास के जंगल में जमा किया जाता है. इसके बाद ट्रैक्टर से कहीं भी भेज दिया जाता है.

सिल्ली में पुल के नीचे से बालू गायब : सिल्ली में प्रतिदिन रात के अंधेरे में राढ़ू व कांची नदी से उत्खनन का काम धड़ल्ले से हो रहा है. उत्खनन का आलम यह है कि राढू नदी के निचले हिस्से में खनन होने के कारण ऊपरी हिस्से में सिल्ली टाटा पुल के नीचे से बालू गायब हो गया है. इससे पुल के सभी पिलर की नींव दिखने लगी है. कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.

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बालू तस्करी रोकने के क्रम में अधिकारियों पर होते हैं हमले

बालू तस्करों की मन इस कदर बढ़ा हुआ है कि वे उन्हें रोकने की कोशिश करनेवाले अफसरों व पुलिस जवानों पर हमला तक बोल देते हैं. राहे सीओ महेंद्र छोटन उरांव को एक फरवरी 2023 की रात 11.20 बजे हाइवा से कुचल कर मारने का प्रयास किया गया था. इसी तरह चार जून 2022 को बराकर नदी के पांड्रा बेजरा घाट पर अवैध बालू उठाव रोकने के लिए छापेमारी करने गये एसडीएम प्रेम कुमार तिवारी और खनन विभाग की टीम को गांव में बंधक बना लिया गया था. चार नवंबर 2022 की रात में बरवाअड्डा में बालू पकड़ने गये गोविंदपुर सीओ को तस्करों ने पीट दिया था.

देवघर में पुलिस पर पथराव तीन ट्रैक्टर छुड़ा ले गये

सारवां (देवघर). सारवां थाना क्षेत्र में मंगलवार रात अवैध बालू उठाव पर रोक लगाने गयी पुलिस पर बालू तस्करों ने हमला कर दिया. इसमें दारोगा समेत तीन चौकीदार घायल हो गये. वहीं बालू तस्कर तीन ट्रैक्टर छुड़ा ले गये.

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