बिहार में अप्रैल से जमीन रजिस्ट्री (Land Registry) महंगी होने वाली है. ऐसे में रजिस्ट्री कार्यालय में लोगों की भारी भीड़ जमा हो रही है. बताया जा रहा है कि मार्च क्लोजिंग को लेकर जमीन रजिस्ट्री की संख्या अचानक बढ़ गयी है. छुट्टी के दिनों में भी खुल रहे रजिस्ट्री ऑफिस में जमीन की खरीद-बिक्री करने वालों की भारी भीड़ उमड़ रही है. बुधवार की आधी रात तक रजिस्ट्री ऑफिस में भीड़ रही. पूरे जिले में 500 से अधिक जमीन के प्लॉट एक दिन में बिके है. इससे सरकार के खाते में लगभग तीन करोड़ रुपये जमा हुआ है, जो अब तक के सारे रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. सबसे ज्यादा 260 जमीन के प्लॉट की रजिस्ट्री आधी रात तक सिर्फ मुजफ्फरपुर रजिस्ट्री कार्यालय में हुई. इसमें सबसे ज्यादा जमीन शहरी क्षेत्र से सटे पेरिफेरल एरिया का है.
कटरा, मोतीपुर, पारू व सकरा रजिस्ट्री ऑफिस में भी आधी रात तक पुलिस सुरक्षा के बीच जमीन की रजिस्ट्री होती रही. डीएसआर राकेश कुमार ने बताया कि गुरुवार को रामनवमी की छुट्टी के बावजूद ऑफिस खुला रहेगा. मार्च महीने में अब तक जो रजिस्ट्री हुई है. वह सभी रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. बताया कि मार्च क्लोजिंग में बचे दो दिनों में लगभग 1000 दस्तावेजों की रजिस्ट्री होने का अनुमान है. इससे सरकार के खाते में लगभग पांच करोड़ रुपये आने की उम्मीद है. बता दें कि मुजफ्फरपुर कार्यालय में शहरी क्षेत्र के अलावा मुशहरी, मीनापुर, बोचहां और कुढ़नी प्रखंड क्षेत्र के जमीन की रजिस्ट्री होती है.
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सरकार के द्वारा राज्य में जमीन मिनिमय वैल्यू रेट (Minimum Value Rate) में बढ़ोत्तरी कर रही है. इससे जमीन की रजिस्ट्री की कीमत काफी ज्यादा बढ़ जाएगी. सरकार के द्वारा राज्य में ये कदम राजस्व की वृद्धि करने के दृष्टि से किया जा रहा है. हालांकि, इससे आमलोगों की परेशानी काफी ज्यादा पढ़ गयी है.